बिहार के सारण में फिर जहरीली शराब का कहर! पांच लोगों की मौत, दो हफ्ते में दूसरी घटना, नीतीश कुमार ने कही ये बात
By एस पी सिन्हा | Published: August 12, 2022 02:34 PM2022-08-12T14:34:56+5:302022-08-12T14:44:58+5:30
बिहार के सारण जिले में एक बार फिर जहरीली शराब से लोगों की मौत का मामला सामने आया है। मढौरा के भुआलपुर में पांच लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो गई है।
पटना: बिहार में जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला बदस्तूर जारी है। राज्य के सारण जिले में एक पखवारे के अंदर जहरीली शराब कांड के दो-दो मामले सामने आ गए हैं। पहले जहां जहरीली शराब से करीब 14 लोगों की मौत हुई थी और डेढ दर्जन भर लोग अपनी आंखों की रोशनी गंवा चुके हैं। वहीं, दूसरा मामला भी इसी जिले के मढ़ौरा थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां अब तक 5 मौतें हो चुकी है। मरने वालों की संख्या बढने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मढौरा के भुआलपुर में अब तक पांच लोगों की मौत हो गई है, जबकि चार अन्य की स्थिती गंभीर बनी हुई है। एक मृतक की पत्नी का कहना है कि उसने जहरीली शराब पी थी। बीमार लोगों का इलाज अस्पतालों में चल रहा है। इधर, पुलिस-प्रशासन मौतों के पीछे की वजह बीमारी बता रहा है। उनका कहना है कि सभी की मौत बीमारी के चलते ही हुई है। मढ़ौरा से राजद विधायक जितेंद्र राय का पैतृक आवास भुआलपुर गांव में है।
जहरीली शराब पीने से मौत के शिकार हुए लोगों में गड़खा के औढा गांव निवासी करमुल्ला खान का बेटा अलाउद्दीन खान, मढौरा थाना क्षेत्र भुवालपुर गांव निवासी देव महतो का बेटा कामेश्वर महतो, भीकन सिंह का बेटा रोहित कुमार सिंह और परशुराम राम के बेटे राजेंद्र राम शामिल हैं. वहीं, द्वारिका महतो के बेटे राम लायक महतो की मौत इलाज के दौरान हो गई। इसके बाद कई थाने की पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की छानबीन में जुट गई है।
बता दें कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है, लेकिन जहरीली शराब से मौतों की घटनाएं थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। पिछले दिनों भी सारण जिले में ही जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी, जबकि 15 से अधिक लोगों की आंख की रोशनी चली गई थी। दर्जनों लोगों को पीएमसीएच समेत अन्य अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। इसी बीच वैशाली में भी तीन लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो गई थी।
'हम तो पहले कहते रहे हैं कि शराब बुरी चीज है'
वहीं, जहरीली शराब से हुई मौतों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम तो पहले से कहते रहे हैं कि शराब बुरी चीज है। जो पिएगा, वो देख ले कि क्या हाल होता है। पियोगे तो मरोगे। शराब पीने से कई तरह की बीमारी होती है और डब्लूएचओ की रिपोर्ट में ही ऐसा कहा गया है। इसलिए हम हमेशा कहते हैं पियोगे तो क्या हाल होगा?
उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी का निर्णय करने के दौरान हमने महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने की कोशिश के लिए किया। सर्वे में आया कि शराबबंदी के बाद 1 करोड 64 लाख लोगों ने शराब पीना छोडा। आज शराब नहीं पीने के कारण राज्य के लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरी है। बावजूद कुछ लोग इसका उल्लंघन करते हैं। उन पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस लगातार काम कर रही है।
संदिग्ध जहरीली शराब से हुई मौतों पर किसी प्रकार की संवेदना प्रकट करने से बचते हुए सीएम नीतीश ने सख्त हिदायत दी कि यह एक बुराई है. इस सामाजिक बुराई को दूर करने के लिए ही महात्मा गांधी ने भी पहल की थी, बिहार आज उन्हीं के संदेश को साकार कर रहा है। इसके बाद भी कुछ लोग अगर शराब पी रहे हैं तो ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है।