नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी माह की 28 तारीख को नवनिर्मित संसद भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। लोकसभा सचिवालय के अनुसार, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया। नए संसद भवन का निर्माण अब पूरा हो गया है और नया भवन आत्मनिर्भर भारत की भावना का प्रतीक है।
नई संसद को 970 करोड़ की लागत से बनाया गया है। इसका निर्माण पुरानी संसद के पास ही किया जा रहा है। संसद की नई इमारत तिकोनी होगी जबकि मौजूदा संसद भवन वृत्ताकार है। मौजूदा संसद भवन 95 साल पुराना है और अब एक ऐसी इमारत की जरूरत महसूस की जा रही थी जो भविष्य की सारी जरूरतों को पूरी कर सके।
नए संसद भवन का 15 जनवरी, 2021 को शुरू हुआ था और इसे अगस्त 2022 तक पूरा किया जाना था। 64,500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में निर्मित, नई चार मंजिला इमारत में एक साथ 1,224 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है। नए संसद भवन में तीन मुख्य द्वार हैं, जिन्हें नाम दिया गया है- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार।
नए भवन में निचले सदन लोक सभा के 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है। नई इमारत में लोक सभा भूतल में होगी। राज्य सभा के 384 सदस्य भी इसमें बैठ सकेंगे। सांसदों के बैठने के लिए बड़ा हॉल, एक लाइब्रेरी, समितियों के लिए कई कमरे, कैंटीन और बहुत सारी पार्किंग की जगह की व्यवस्था भी नए भवन में की गई है। नया भवन पुरानी संसद भवन से 17,000 वर्ग मीटर अधिक क्षेत्र में है।
नए संसद भवन में देश के विभिन्न क्षेत्रीय कला और शिल्प कला को दर्शाया जाएगा। यह आधुनिक भारत की जीवंतता और विविधता को दर्शाएंगे। नए संसद भवन में दिव्यांग लोगों का ध्यान रखा है। उनके लिए अलग से व्यवस्था की गई है।
संसद भवन की नई इमारत बनाने के लिए मोदी सरकार ने गुजरात के डॉ बिमल पटेल को चुना था। डॉ पटेल अहमदाबाद में सीईपीटी विश्वविद्यालय के अध्यक्ष हैं। उनकी कंपनी एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने गुजरात सरकार और केंद्र सरकार के कई बड़े प्रोजेक्ट पर काम किया है।