कोच्चि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोच्चि में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में भारतीय नौसेना के नए ध्वज या 'निशान' का अनावरण किया। यह नया ध्वज औपनिवेशिक अतीत को दूर करते हुए समृद्ध भारतीय समुद्री विरासत के अनुरूप है। भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत की जलावतरण के कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने नए नौसेना ध्वज का अनावरण किया।
आईएनएस विक्रांत के जलावतरण के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय नौसेना के नए निशान (ध्वज) का अनावरण करते हुए कहा कि भारत ने औपनिवेशिक अतीत को त्याग दिया है। उन्होंने कहा, 'आज दो सितंबर, 2022 की ऐतिहासिक तारीख को, इतिहास बदलने वाला एक और काम हुआ है। आज भारत ने, गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है। आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है।'
बता दें कि आजादी के बाद देश का विभाजन होने पर रॉयल इंडियन नेवी को रॉयल इंडियन नेवी और रॉयल पाकिस्तान नेवी के रूप में विभाजित कर दिया गया था। भारत के 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र घोषित होने पर ‘रॉयल’ शब्द को हटा दिया गया और इसकी जगह ‘इंडियन नेवी’ (भारतीय नौसेना) शब्दावली अपनाई गई।
आज मिले नए 'निशान' से पहले नौसेना का ध्वज के डिजाइन में एक 'सेंट जॉर्ज क्रॉस' शामिल था। दरअसल, ये एक सफेद ध्वज था जिस पर क्षैतिज और लंबवत रूप में लाल रंग की दो पट्टियां थी। क्रॉस के एक कोने में देश को आजादी मिलने के बाद भारतीय ध्वज लगाया गया था। इस स्थान पर पहले ब्रिटेन का यूनियन जैक था।
आजादी के बाद से भारतीय नौसेना का ध्वज कई बार बदल चुका है। 2001 में ही सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटा दिया गया था और भारतीय नौसेना की क्रेस्ट को ध्वज के कोने में जोड़ा गया था। हालांकि 2004 में क्रॉस को वापस अपनाया गया और लाल रंग की दो पट्टियों के एक-दूसरे को काटने वाली जगह पर भारत के राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तम्भ को जोड़ा गया था।