नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक का सोमवार को अनावरण किया। अधिकारियों ने बताया कि कांस्य का बना यह प्रतीक 9,500 किलोग्राम वजनी है और इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है। उन्होंने बताया कि इसे नए संसद भवन के शीर्ष पर बनाया गया है।
इस प्रतीक को सहारा देने के लिए इसके आसपास करीब 6,500 किलोग्राम की, स्टील की एक संरचना का निर्माण किया गया है। मोदी ने इस दौरान संसद भवन के निर्माण कार्य में लगे मजदूरों से भी बातचीत की। उन्होंने बताया कि नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक लगाने का काम आठ अलग-अलग चरणों से पूरा किया गया। इसमें मिट्टी से मॉडल बनाने से लेकर कंप्यूटर ग्राफिक तैयार करना और कांस्य निर्मित आकृति को पॉलिश करना शामिल है।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2020 के दिसंबर में भूमि पूजन कर नए संसद भवन का शिलान्यास किया था। इसमें विभिन्न आधुनिक सुविधाएं होंगी। इस भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कंपनी कर रही है। नए संसद भवन का निर्माण कार्य इस साल नवंबर तक पूरा किया जाना है। इसके लिए कार्य युद्ध स्तर पर चल रहे हैं। नए भवन के अंदरूनी भाग और अन्य हिस्सों में भी काम शुरू हो गया है।
सरकार कहती रही है कि संसद का अगला शीतकालीन सत्र नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी ‘सेंट्रल विस्टा’ पुनर्विकास परियोजना के तहत बन रहे नए भवन में होगा। संसद का शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर-दिसंबर में होता है। नए संसद भवन का कुछ हिस्सा 26 नवंबर (संविधान दिवस) के आसपास चालू हो सकता है, लेकिन अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
नए संसद भवन की आंतरिक सज्जा होगी खास
नई इमारत के प्रवेश द्वार पर एक पांरपरिक प्रतिमा होने के साथ ही संवैधानिक विथिका (गैलरी) होगी जिसमें भारतीय लोकतंत्र की यात्रा को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके साथ ही देश की विविधता को दर्शाने के लिए कला और परंपराओं को भी आंतरिक सज्जा में स्थान मिलेगा।
हाल ही में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने नयी इमारत की आंतरिक सज्जा की योजना बनाने के लिए तीन समितियों का गठन किया है जो कला अधिष्ठापन, पेंटिंग, भित्तिचित्र और लेखों के जरिये भारतीय समाज की विविधता को प्रदर्शित करने की योजना को अमलीजामा पहनाएंगी। इस समितियों में शिक्षाविद, इतिहासकार, कलाकार, संस्कृति और शहरी विकास मंत्रालयों के कई विशेषज्ञ और अधिकारी शामिल हैं जो परिसर को सजाने के लिए संसाधन, निगरानी और कलाकृतियों को स्थापित करने का कार्य करेंगे।