शांति निकेतन, 25 मईः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शांति निकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे हैं। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि मैं सबसे पहले आपसे माफी मांगना चाहता हूं। उन्होंने कहा, 'जब मैं यहां आ रहा था तो कुछ लोगों ने इशारे में बताया कि यहां पीने का पानी नहीं है। इस विश्वविद्यालय का चांसलर होने के नाते मैं आपसे माफी मांगना चाहता हूं।' अपने संबोधन में पीएम मोदी ने गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर को भी याद किया। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आई। पीएम मोदी के साथ बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी मौजूद हैं।
यह भी पढ़ेंः- विश्व भारती के दीक्षांत समारोह में पहुंचे पीएम मोदी, जानें पूरा कार्यक्रम
पीएम मोदी के संबोधन की प्रमुख बातेंः-
-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए शांति निकेतन पहुंचे। वहां उनकी अगवानी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की। विश्व भारती विश्वविद्यालय के 49 वें दीक्षांत समारोह के लिए मंच तैयार है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना संबोधित कर रहे हैं। मोदी केंद्रीय विश्वविद्यालय के ‘आचार्य ’ या कुलाधिपति हैं।
संस्थान के अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री हसीना के साथ भारत और बांग्लादेश के सांस्कृतिक संबंधों के प्रतीक ‘बांग्लादेश भवन’ का उद्घाटन करेंगे और वहां एक द्विपक्षीय बैठक करेंगे। पुलिस ने बताया कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोलपुर उपसंभाग में स्थित शांति निकेतन में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गयी है।
प्रधानमंत्री बनने के बाद से यह मोदी का विश्वविद्यालय का पहला दौरा है। आखिरी बार 2008 में संस्थान के कोई कुलाधिपति दीक्षांत समारोह में मौजूद थे। तब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वहां का दौरा किया था। रवींद्रनाथ ठाकुर द्वारा स्थापित संस्थान की कार्यकारी कुलपति सबुजकली सेन ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय में पांच साल में यह पहला दीक्षांत समारोह होगा।
लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर सब्सक्राइब करें!