नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा खड़क सिंह मार्ग पर सांसदों के लिए नवनिर्मित 184 टाइप-VII बहुमंजिला फ्लैटों का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने कहा कि आज मुझे संसद में अपने सहयोगियों के लिए इस रिहायशी कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन का अवसर मिला है। इन 4 टॉवर्स के नाम भी बहुत सुंदर हैं। कृष्णा, गोदावरी, कोसी, हुगली। भारत की चार महान नदियां, जो करोड़ों लोगों को जीवन देती हैं। अब उनकी प्रेरणा से हमारे जन प्रतिनिधियों के जीवन में भी आनंद की नई धारा बहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को परेशानी भी होगी कि कोसी नदी पर एक टॉवर का नाम रखा है। तो उनको कोसी नदी नहीं दिखेगी, उनको बिहार का चुनाव नजर आएगा...नदियों के नामों की परंपरा देश की एकता के सूत्र में हमें बांधती है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से पिछले 11 वर्षों में लोकसभा सदस्यों के लिए रिकॉर्ड 344 नए आवास बनाए गए हैं... आधुनिक तकनीक के उपयोग और उचित निगरानी से ये आवास निर्धारित समय में पूरे हुए और इस प्रक्रिया में 46 करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई। इन आवासों के निर्माण से अब सभी लोकसभा सदस्यों के लिए आवास पूरी तरह से उपलब्ध हो गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को सांसदों के लिए बाबा खड़क सिंह मार्ग पर बने फ्लैट के बहुमंजिला परिसर का उद्घाटन किया और सुझाव दिया कि इनमें रहने वाले सांसदों को भारत के विभिन्न त्योहार सामूहिक रूप से मनाना चाहिए तथा स्वच्छता पर प्रतिस्पर्धा करना चाहिए।
अपने प्रतिद्वन्द्वियों पर तंज करते हुए उन्होंने कहा कि परिसर के चार टॉवरों में से एक का नाम ‘कोसी’ रखा गया है और कुछ लोग इसे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़ सकते हैं, लेकिन ‘छोटी सोच’ वाले ऐसे लोगों को वह यह बताएंगे कि नदियों के नाम पर टॉवरों का नामकरण करने की परंपरा लोगों को आपस में जोड़ती है।
बाबा खड़क सिंह मार्ग पर बना यह नया परिसर संसद भवन के करीब है और इसमें टाइप-7 श्रेणी के 184 बहुमंजिला फ्लैट हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सांसदों के लिए आवास की लंबे समय से कमी थी और नए सांसदों को आवास पाने में कठिनाई होती थी। उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 के बीच लोकसभा सांसदों के लिए कोई नया आवास नहीं बना, जबकि उनकी सरकार ने अब तक करीब 350 आवास बनाए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘21वीं सदी का भारत विकास के लिए जितना संवेदनशील है, उतना ही उत्सुक है।’’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने नया सरकारी सचिवालय, संसद भवन और सांसदों के लिए आवास बनवाए तथा गरीबों के लिए भी चार करोड़ मकान बनवाए, सैकड़ों मेडिकल कॉलेज तैयार किए और घरों के लिए नल से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की।
मोदी ने कहा कि पुराने सांसद आवास जर्जर हो चुके थे और कई समस्याएं पैदा करते थे, लेकिन आधुनिक सुविधाओं वाले ये नए फ्लैट सांसदों को ऐसी कोई दिक्कत नहीं होने देंगे। प्रत्येक फ्लैट का कारपेट एरिया 5,000 वर्ग फुट से अधिक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब सांसद अपनी निजी परेशानियों से मुक्त होंगे, तो वे जनता को अधिक समय दे पाएंगे तथा उनकी समस्याएं हल कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि इन फ्लैटों से पुराने घरों की मरम्मत पर खर्च होने वाले धन की भी बचत होगी। उन्होंने कहा कि परिसर में विभिन्न राज्यों के सांसदों का रहना ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना का प्रतीक होगा और यदि वे अपने-अपने राज्यों के त्योहार यहां सामूहिक रूप से मनाएं तो यह अच्छा कदम होगा।
मोदी ने सांसदों से परिसर को टिकाऊ और स्वच्छ बनाने की जिम्मेदारी लेने का आह्वान किया और कहा कि साल में दो-तीन बार स्वच्छता प्रतियोगिता आयोजित की जा सकती है, जिसमें सबसे साफ-सुथरे ब्लॉक की घोषणा की जाए। एक बयान में बताया गया है कि परिसर में हरित प्रौद्योगिकी अपनाई गई है और यह जीआरआईएचए तीन-स्टार रेटिंग और राष्ट्रीय भवन संहिता 2016 के मानकों के अनुरूप है।
जिससे ऊर्जा संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन और कचरा प्रबंधन में मदद मिलेगी। हर आवासीय इकाई में रिहायशी और आधिकारिक कार्य दोनों के लिए पर्याप्त स्थान है। इसमें कार्यालय, कर्मचारियों के आवास और सामुदायिक केंद्र जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं, जिससे सांसद अपने दायित्वों का प्रभावी रूप से निर्वाह कर सकेंगे।