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पीएम नरेंद्र मोदी ने 'न्यू इंडिया' बजट के लिए दी जेटली को बधाई, गिनाई खूबियां

By आदित्य द्विवेदी | Published: February 01, 2018 2:18 PM

मैं वित्त मंत्री अरुण जेटली और उनकी पूरी टीम को बहुत बहुत बधाई देता हूं। यह बजट न्यू इंडिया की नींव को सशक्त करने वाला बजट है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया। करीब डेढ़ घंटे के अपने भाषण में वित्त मंत्री ने समाज के हर तबके लिए कुछ ना कुछ घोषणाएं की हैं। वित्त मंत्री के भाषण के फौरन बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। उन्होंने इस बजट को 'न्यू इंडिया' और लोगों का जीवन स्तर सुधारने वाला बजट बताया है। उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली और उनकी पूरी टीम को इस दूरदर्शी बजट के लिए बधाई दी है। बजट से जुड़ी सभी बड़ी खबरें की ताजा अपडेट के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए- लोकमत न्यूज बजट कवरेज

बजट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की प्रमुख बातें...

- मैं वित्त मंत्री अरुण जेटली और उनकी पूरी टीम को बहुत बहुत बधाई देता हूं। यह बजट न्यू इंडिया की नींव को सशक्त करने वाला बजट है। इसमें कृषि से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर तक हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। इस बजट में गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए हेल्थ स्कीम है तो छोटे और मझोले कारोबारियों के लिए छूट है। यह देश के विकास को गति देने वाला बजट है। यह बजट फार्मर फ्रेंडली, कॉमन फ्रेंडली, बिनजेस इन्वायरमेंट फ्रेंडली और डेवलपमेंट फ्रेंडली भी है।

- हमारे देश के किसानों ने खाद्यान्न और फल सब्जियों का रिकॉर्ड उत्पादन करके देश के विकास में योगदान दिया है। उनकी आय बढ़ाने की दिशा में अनेक कदम प्रस्तावित हैं। गांव और कृषि के क्षेत्र में साढ़े चौदह लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड आवंटन किया गया है।

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- 51 लाख घर, 2 करोड़ शौचलय, पौने दो करोड़ घरों में बिजली कनेक्शन... इसका सीधा लाभ समाज के आखिरी छोर पर बैठे हुए भाई-बहनों को मिलेगा। यह विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के नए मौके लेकर आने वाले हैं। किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने की योजना के लिए मैं वित्त मंत्री का आभार व्यक्त करता हूं।

- सब्जी और फल पैदा करने वाले किसानों के लिए 'ऑपरेशन ग्रीन्स' एक कारगर कदम साबित होने वाला है। हमने देखा है कि किस तरह दुग्ध उत्पादन में अमूल ने किसानों को उचित मूल्य दिलवाया।

- हमारे देश में उद्योग के विकास के लिए एक क्लस्टर बेस्ड अप्रोच लागू किया जाएगा। अलग-अलग जिलों में कृषि से संबंधित उत्पादों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना चाहते हैं। कृषि उत्पादों कों को ध्यान में रखते हुए स्टोरेज, मार्केटिंग और बिक्री के लिए योजना बनाना है। यह व्यावहारिक कदम है। 

- फॉरमर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन जो आज देश में किसानों के संगठन द्वारा चल रहे हैं उन्हें कॉरपेरिटव सोसाइटी के लाभ नहीं मिलते थे। अब इन्हें भी वही लाभ मिलेगा। एफपीओ को भी सरकारी सहयोगी संस्थाओं की तरह ही छूट दी जाएगी।

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- इसी तरह गोबर-धन योजना गांव को स्वच्छ रखने के साथ-साथ किसानों और पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने में भी सहायक साबित होगी। किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन, मछलीपालन, पोल्ट्री फॉर्म इत्यादि चलाते हैं। ऐसे कामों के लिए बैंकों से कर्ज लेने में कठिनाई होती रही है। अब किसान क्रेडिट कार्ड से लोन की व्यवस्था किया जाना एक दूरगामी कदम है।

- भारत के 700 से अधिक जिलों में लगभग 22 हजार ग्रामीण व्यापार केंद्रों के इंफ्रास्ट्रक्चर के आधुनीकरण नवनिर्माण का एक बड़ा कार्यक्रम हाथ में लिया है। ये केंद्र किसानों की आय बढ़ाने में एक नए ऊर्जा केंद्र के रूप में सामने आएंगे। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को गांव के इंटीरियर इंफ्रास्ट्रक्चर का हिस्सा बनाया जाएगा।

- हमने 'ईज ऑफ लिविंग' की भावना का विस्तार उज्जवला योजना में भी देखा है। ये योजना देश की गरीब महिलाओं को ना सिर्फ धुएं से मुक्ति दिला रही है बल्कि उनके सशक्तिकरण का भी माध्यम बन रही है। इस योजना का विस्तार करते हुए अब इसके लक्ष्य को 5 करोड़ परिवार से बढ़ाकर 8 करोड़ परिवार कर दिया गया है। इस योजना का लाभ देश के दलित-आदिवासी और पिछड़े समाज को मिल रहा है। अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए इस बजट में 1 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

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- बजट में प्रस्तुत की गई नई योजना आयुष्मान भारत योजना समाज के जरूरतमंद वर्गों को बीमारी की आफत में चिंता से मुक्ति दिलाने का एक बहुत बड़ा कदम है। इस योजना का लाभ देश के 10 करोड़ निम्न मध्यम वर्ग परिवारों को मिलने वाला है। इससे करीब 45-50 करोड़ परिवार इसके दायरे में आएंगे। इन परिवारों को चिन्हित अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। सरकारी खर्च से शुरू की गई यह दुनिया का सबसे बड़ी हेल्थ केयर योजना है।

- देश की पंचायतों में 1.5 लाख वेलनेस सेंटर की स्थापना करना भी एक बड़ा लक्ष्य है। इससे ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ होंगी। 24 नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना से ईलाज से सुविधा तो बढ़ेगी ही साथी युवाओं को मेडिकल पढ़ाई भी आसानी से मिलेगी। तीन संसदीय क्षेत्रों में एक मेडिकल कॉलेज अवश्य हो। 

- इस बजट में सीनियर सिटिजंस की चिंताओं की ध्यान में रखते हुए कई फैसले लिए गए हैं। 15 लाख रुपये तक की राशि पर 8 प्रतिशत का ब्याज प्राप्त करेंगे। ब्याज कम ज्यादा होने का असर उनपर नहीं होगा। बैंक और पोस्ट ऑफिस में जमा धन पर अगर 50 हजार तक का ब्याज मिलता है तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। स्वास्थ्य बीमा के 50 हजार तक के प्रीमियम पर टैक्स में छूट मिलेगी। गंभीर बीमारी में 1 लाख रुपये तक के खर्च पर इनकम टैक्स में राहत दी गई है।

- लंबे समय से हमारी देश में सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्योगों (एमएसएमई) के लिए सरकार ने एक साहसपूर्ण कदम उठाते हुए सभी के टैक्स रेट में पांच प्रतिशत की कटौती कर दी है। अब इन्हें 30 प्रतिशत की जगह 25 प्रतिशत की दर से टैक्स देना होगा।

- बड़े उद्योगों में एनपीए के कारण सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग तनाव महसूस कर रहे हैं। किसी और के गुनाह की सजा छोटे उद्यमियों को नहीं मिलनी चाहिए। इसलिए एनपीए की मुश्किलों को सुलझाने के लिए ठोस कदम की घोषणा करेगी।

- रोजगार के लिए सरकार ने एक दूरगामी सकारात्मक निर्णय लिया है। इससे इनफॉर्मल से फॉर्मल की ओर बढ़ने का अवसर मिलेगा। सरकार नए श्रमिकों के ईपीएफ एकाउंट में तीन साल तक 12 प्रतिशत का योगदान देगी।

- इसके अलावा नई महिला श्रमिकों के ईपीएफ में योगदान अब 12 प्रतिशत से कम करके 8 प्रतिशत किया जा रहा है। हालांकि इस अवधि में जो एम्प्लॉयर है उसको पूरी भरपाई करनी होगी। कामकाजी महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण सेवा है।

- देश में नेक्स्ट जेनरेशन इंफास्ट्रक्चर की बहुत जरूरत है। और उनके लिए बजट में बहुत बड़ा बल दिया गया है। लगभग 6 लाख करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया गया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 1 लाख करोड़ से भी ज्यादा है। यहां रोजगार की अपार संभावनाएं बढ़ने वाली है।

- वेतनभोगी मध्यम वर्ग को दी गई टैक्स राहत के लिए भी मैं विशेष रूप से वित्त मंत्री का अभिनंदन करना चाहता हूं। यह बजट हर भारतीय की आशा आशंकाओं पर खरा उतरने वाला बजट है। 

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