लेह: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11,000 फुट की ऊंचाई पर लद्दाख के निमू पोस्ट पहुंचकर 3 जुलाई को भारतीय सेना के जवानों का मनोबल बढ़ाया। भारत चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में चल रहे तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (3 जुलाई) को लेह को दौरा किया और पड़ोसी मुल्क के साथ सीमा गतिरोध के मामले को लेकर भारत की दृढ़ता के संकेत दिए। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में निमू के आगे ब्रिगेड स्थान पर सिंधु दर्शन पूजा भी की थी। जिसकी वीडियो और तस्वीरें आज (4 जुलाई) को सामने आई है।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने पीएम मोदी की तस्वीरें और वीडियो जारी की है। सिंधु नदी के तट पर 11,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित निमू सबसे दुर्गम स्थानों में से एक है।
लद्दाख के कई क्षेत्रों में पिछले सात सप्ताह से भारतीय और चीनी सेना के बीच सीमा को लेकर चल रहे गतिरोध के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को लेह के निमू का औचक दौरा किया। निमू वो जगह है जो जंस्कार की पहाड़ियों से घिरी हुई है और सिन्धु नदी के तट पर स्थित है। प्रधानमंत्री मोदी ने लेह में भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात और बाद में थलसेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों का मनोबल बढ़ाते हुए उन्हें संबोधित किया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने लद्दाख दौरे के दौरान दिया चीन को स्पष्ट संदेश
पीएम मोदी ने बीते दिन अपने संबोधन में कहा था, 'लद्दाख भारत का मस्तक है, 130 करोड़ भारतीयों के मान-सम्मान का प्रतीक है। यह भूमि सर्वस्व त्याग करने वाले राष्ट्रभक्तों की धरती है।' चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि विस्तारवाद’’ का युग समाप्त हो चुका है तथा पूरे विश्व ने इसके खिलाफ मन बना लिया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सेना ने शत्रुओं को जो पराक्रम और प्रचंडता दिखायी, उससे दुनिया को देश की ताकत का संदेश मिल गया।
जवानों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में पिछले दिनों हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि जवानों की बहादुरी और उनके शौर्य की गाथाएं देश के कोने-कोने में गूंज रही है। पीएम मोदी ने दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प का जिक्र करते हुए कहा, भारत माता के दुश्मनों ने आपकी ‘फायर’ को भी देखी है और आपकी ‘फ्यूरी’ को भी देखा है।
पीएम मोदी ने कहा- हम बांसुरीधारी कृष्ण और सुदर्शन चक्र धारण किए कृष्ण...दोनों की पूजा करते हैं
प्रधानमंत्री ने कहा कि कमजोर कभी शांति की पहल नहीं कर सकता और वीरता ही शांति की पूर्व शर्त होती है। वंदे मातरम की गूंज के बीच पीएम ने कहा, ‘‘हम वह लोग हैं जो बांसुरीधारी कृष्ण की पूजा करते हैं लेकिन हम वे लोग भी हैं जो उसी कृष्ण की पूजा करते है जिन्होंने सुदर्शन चक्र धारण किया था। उन्होंने कहा कि सीमा पर जवानों ने जो वीरता दिखायी है, उसने पूरी दुनिया में भारत की ताकत का संदेश दिया है।
उन्होंने कहा, देश के वीर सपूतों ने गलवान घाटी में जो अदम्य साहस दिखाया है वह पराक्रम की पराकाष्ठा है। देश को आप पर गर्व है, नाज है। मोदी ने सैनिकों को संबोधित करते हुए लद्दाख क्षेत्र को 130 करोड़ भारतीयों के मान-सम्मान का प्रतीक करार दिया।
गौरतलब है कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। अनुमान है इसमें चीन के भी कई सैनिक हताहत हुए किंतु इस बारे में चीन की ओर से आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कहा कि चाहे लेह-लद्दाख, कारगिल या सियाचिन ग्लेशियर हो, चाहे उंचे पहाड़ हों या नदियों में बहने वाला बर्फीला ठंडा पानी, ये सब भारत के सशस्त्र बलों की वीरता के प्रमाण हैं। उन्होंने कहा, भारत के दुश्मनों ने हमारी सेना की शक्ति और उसकी प्रचंडता देखी है।