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पीएम मोदी ने 3 राष्ट्रीय आयुष संस्थानों का उद्घाटन किया, बोले- आयुर्वेद इलाज से बढ़कर कल्याण की बात करता है

By रुस्तम राणा | Updated: December 11, 2022 17:52 IST

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ठळक मुद्देप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पणजी में 3 राष्ट्रीय आयुष संस्थानों का किया उद्घाटनउन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि ये तीनों संस्थान आयुष हेल्थ केयर व्यवस्था को नई गति देंगेउन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा, आयुर्वेद इलाज से आगे बढ़कर कल्याण की बात करता है

पणजी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को गोवा की राजधानी पणजी में 9वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के समापन समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने यहां एम्स (AIIMS) के आयुष अस्पताल का उद्घाटन किया। इसी के साथ उन्होंने उत्तर प्रदेश के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ यूनानी मेडिसिन और दिल्ली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी का वर्चुअल उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने इस दौरान आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति पर प्रकाश डाला। 

उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि ये तीनों संस्थान आयुष हेल्थ केयर व्यवस्था को नई गति देंगे। आयुर्वेद एक ऐसा ज्ञान है जिसका मोटो है, सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः। इसका मतलब है सबका सुख और सबका स्वास्थ्य। 

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आयुर्वेद इलाज से आगे बढ़कर कल्याण की बात करता है और कल्याण को बढ़ावा देता है। विश्व भी अब तमाम परिवर्तनों और प्रचलनों से निकलकर इस प्राचीन जीवन दर्शन की तरफ लौट रहा है। मुझे खुशी है कि भारत में इसको लेकर बहुत पहले से ही काम शुरू हो चुका है। 

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि अंतराष्ट्रीय योग दिवस को अब पूरी दुनिया हेल्थ और वेलनेस के ग्लोबल फेस्टिवल के तौर पर मनाती है। इसका मतलब इस योग और आयुर्वेद को पहले उपेक्षित समझा जाता था, उसको आज पूरी मानवता के लिए एक नई उम्मीद बन गया है। 

अपने संबोधन में उन्होंने कहा, हमारे पास आयुर्वेद का परिणाम भी था, प्रभाव भी था, लेकिन प्रमाण के मामले में हम पीछे छूट रहे थे। इसलिए, आज हमें ‘डेटा बेस्ड एविडेंसेस’ का डॉक्युमेंटेशन करना अनिवार्य है। इसके लिए हमें लंबे समय तक निरंतर काम करना होगा।

उन्होंने कहा, कुछ लोग समझते हैं कि आयुर्वेद, सिर्फ इलाज के लिए है लेकिन इसकी खूबी ये भी है कि आयुर्वेद हमें जीवन जीने का तरीका सिखाता है...आयुर्वेद हमें सिखाता है कि हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर की तरह ही शरीर और मन भी एक साथ स्वस्थ रहने चाहिए, उनमें समन्वय रहना चाहिए। 

 

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