PM Modi Live in Palghar: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महाराष्ट्र के पालघर पहुंचे हुए हैं। पीएम मोदी ने राज्य को कई करोड़ की परियोजना की सौगात दी, जिसके बाद वह लोगों को संबोधित कर रहे हैं। पीएम मोदी ने इस दौरान पहली बार छत्रपति शिवाजी (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की प्रतिमा गिरने के मामले में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे लिए सिर्फ एक नाम नहीं हैं...आज मैं अपने भगवान छत्रपति शिवाजी महाराज से सिर झुकाकर माफी मांगता हूं।"
पीएम मोदी ने कहा, "हमारे संस्कार अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो भारत माता के महान सपूत, इस धरती के सपूत वीर सावरकर को गाली देते रहें और उनका अपमान करते रहें। वे माफी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं, वे अदालतों में जाकर लड़ने के लिए तैयार हैं।"
प्रधानमंत्री की यह प्रतिक्रिया 26 अगस्त को 35 फीट ऊंची छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के ढहने को लेकर चल रहे विवाद के बीच आई है। पिछले साल 4 दिसंबर को सिंधुदुर्ग में पहली बार आयोजित नौसेना दिवस समारोह के हिस्से के रूप में प्रतिमा का अनावरण किया गया था, जिसका उद्देश्य समुद्री रक्षा और सुरक्षा में मराठा नौसेना और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत का सम्मान करना था।
इस मुद्दे पर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरते हुए पीएम मोदी से माफी की मांग की थी। मुंबई कांग्रेस प्रमुख वर्षा गायकवाड़ ने कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज जिनकी पूजा पूरे महाराष्ट्र और भारत में की जाती है, जिन्हें हम "जनता के राजा" कहते हैं, उनकी मूर्ति मालवन के राजकोट किले में बनाई गई थी, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी ने किया था। सबसे पहले, मैं पीएम मोदी जी से अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के लिए किए गए भूमिपूजन के बारे में पूछना चाहती हूं।
उन्होंने कहा, "उस मूर्ति के बनने से पहले ही मालवण के राजकोट किले में लगी उनकी मूर्ति महज 8 महीने में गिर गई। यह साफ है कि इसमें भ्रष्टाचार है। मोदी जी, आप कब माफी मांगेंगे?"
पालघर में मौजूद प्रधानमंत्री ने आज वाधवन बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने कहा, ''2020 में यहां बंदरगाह बनाने का भी फैसला लिया गया था. लेकिन उसके बाद सरकार बदल गई और 2.5 साल तक यहां कोई काम नहीं हुआ. यह प्रोजेक्ट अकेला यहां कई लाख करोड़ रुपये का निवेश आने का अनुमान है। यहां करीब 12 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। महाराष्ट्र के इस विकास से किसे आपत्ति थी? ये कौन लोग थे जो नहीं चाहते थे कि महाराष्ट्र के युवाओं को रोजगार मिले महाराष्ट्र को पीछे रखना चाहते हैं, जबकि हमारी एनडीए सरकार, महायुति सरकार महाराष्ट्र को देश में सबसे आगे ले जाना चाहती है।”