अमृतसर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुधवार की पंजाब में प्रस्तावित रैली रद्द करनी पड़ी। केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने मंच से इसकी घोषणा की। इसके बाद गृह मंत्रालय की ओर से पंजाब सरकार पर पीएम की सुरक्षा में चूक के गंभीर आरोप लगाए गए। गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया कि पीएम मोदी का काफिला हुसैनीवाला में शहीदों के स्मारक से करीब 30 मिनट पहले एक फ्लाईओवर पर फंस गया।
गृह मंत्रालय के अनुसार पीएम का काफिला जब फ्लाईओवर पर पहुंचा तो वहां कुछ प्रदर्शनकारी जमा थे। सड़के ब्लॉक थी। ऐसे में पीएम का काफिला 15-20 मिनट तक वहां फंसा रहा। गृह मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षा में चूक का ये बड़ा मामला है। इस बीच भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से इस्तीफा मांगा है।
पीएम मोदी के पंजाब दौरे पर गृह मंत्रालय ने क्या कहा
गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार पीएम मोदी का विमान बुधवार सुबह बठिंडा पहुंचा था। यहां से उन्हें हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक हेलीकॉप्टर से जाना था। हालांकि बारिश और खराब दृश्यता की वजह से पीएम ने करीब 20 मिनट तक इंतजार किया।
मंत्रालय के अनुसार जब मौसम नहीं सुधरा तो सड़क मार्ग से शहीद स्मारक जाने का फैसला हुआ। इसमें पंजाब पुलिस डीजीपी और अन्य सुरक्षा बंदोबस्त की पुष्टि वगैरह लेने के साछ दो घंटे का समय लगना था। पीएम मोदी का काफिल का जब शहीद स्मारक से 30 किलोमीटर दूर था, तभी एक फ्लाईओवर में यह आकर फंस गया। सड़क मार्ग को कुछ प्रदर्शनकारियों ने बंद कर रखा था।
गृह मंत्रालय के मुताबिक प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और यात्रा की योजना के बारे में पंजाब सरकार को पहले ही बता दिया गया था। मंत्रालय ने कहा कि प्रक्रिया के अनुसार राज्य सरकार तो सुरक्षा के साथ-साथ आकस्मिक योजना तैयार रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था करनी चाहिए थी। मंत्रालय ने कहा कि ऐसे काफिले का फंसना बड़ी सुरक्षा चूक है।
गृह मंत्रालय ने सूरक्षा चूक पर मांगी पंजाब सरकार से रिपोर्ट
गृह मंत्रालय के अनुसार आकस्मिक योजना के मद्देनजर पंजाब सरकार को सड़क मार्ग से सुरक्षित मूवमेंट के लिए अतिरिक्त सुरक्षा तैनात करनी चाहिए थी जबकि ऐसा नहीं था। इस सुरक्षा चूक के बाद पीएम के काफिले को वापस बठिंडा हवाई अड्डे पर लाने का फैसला किया गया।
गृह मंत्रालय का कहना है कि उसने इस गंभीर सुरक्षा चूक का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। राज्य सरकार को भी इस चूक की जिम्मेदारी तय करने और सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है।