अहमदाबाद, 10 मईः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आंतकियों के निशाने पर थे। इसका खुलासा गुजरात एटीएस ने अंकलेश्वर कोर्ट में चार्जशीट फाइल कर खुलासा किया है। एटीएस ने संदिग्ध आतंकी उबैद मिर्जा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर बताया है कि वह प्रधानमंत्री मोदी की जान लेना चाहता था। वह पीएम की स्नाइपर राइफल से हत्या कर फरार होना चाहता था। आतंकी ने इस बात का जिक्र एक मेसिजिंग ऐप में भी किया था।
बता दें कि उबैद मिर्जा और कासिम स्तिमबरवाला को गुजरात एटीएस ने 25 अक्टूबर, 2017 को अंकलेश्वर से गिरफ्तार किया था। मिर्जा वकालत की प्रैक्टिस करता था, जबकि एक अन्य संदिग्ध आतंकी कासिम स्टिमबरवाला, अंकलेश्वर के सरदार पटेल अस्पताल और हृदय रोग संस्थान में मार्च 2017 तक बतौर लैब टेक्निश्यिन काम किया करता था। दोनों ही सूरत के रहने वाले हैं।
अंकलेश्वर की अदालत में दाखिल चार्जशीट में बताया गया है कि पीएम नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने की बातें आईएस के संदिग्ध आतंकी के पास से बरामद हुए सेलफोन और पेन ड्राइव से पता चली हैं। कथित आतंकी इन्हीं से मैसेजिंग एप के जरिए संदेश भेजा करता था।
गौरतलब है कि 25 अक्टूबर की गिरफ्तारी से ठीक 21 दिन पहले कासिम स्टिमबरवाला ने टेक्नीशियन के पद से इस्तीफा दे दिया था। वह सूरत से सीधा जमैका जाने की फिराक में था, जहां से वह विवादित धर्म प्रचारक शेख अब्दुल्ला अल फैसल के साथ जिहादी मिशन से जुड़ना चाहता था। एटीएस के मुताबिक, आईएस के कुछ संदिग्ध आतंकी अब गवाह बन चुके हैं। ये जानकारी उन्हीं के हवाले से दी जा रही है।
एटीएस ने बताया कि 10 सितंबर 2016 को मिर्जा ने अपने मोबाइल से संदेश भेजा कि एक पिस्तौल खरीदना है। उसके बाद मैं उनसे संपर्क करने की कोशिश करुंगा। एटीएस ने इस मैसेज को संदिग्ध माना और इनके खिलाफ सबूत भी जुटाए। तब जाकर दोनों को गिरफ्तार किया जा सका।