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पीएम मोदी को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार? समिति के उपनेता असले तोजे ने प्रधानमंत्री को बताया सबसे बड़ा दावेदार, तारीफ में कही यह बात

By आजाद खान | Updated: March 16, 2023 11:50 IST

नोबेल पुरस्कार समिति के उपनेता असले तोजे की अगर माने तो पीएम मोदी अगर नोबेल शांति पुरस्कार जीत लेते है तो यह किसी योग्य नेता के लिए ऐतिहासिक बात होगी।

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ठळक मुद्देनोबेल पुरस्कार समिति के उपनेता असले तोजे ने पीएम को लेकर एक बयान दिया है।उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी नोबेल शांति पुरस्कार पाने के बड़े दावेदार है। यही नहीं उन्होंने खुद को प्रधानमंत्री का सबसे बड़ा फैन बताया है और उन्हें योग्य नेता घोषित किया है।

नई दिल्ली: नोबेल पुरस्कार समिति के उपनेता असले तोजे ने पीएम मोदी को लेकर एक बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) के सबसे बड़े दावेदार है। उनके अनुसार, पीएम मोदी एक ऐसे नेता है जिनके चलते भारत अमीर और एक ताकतवर देश बना है। 

उन्होंने खुद को पीएम मोदी का बहुत ही बड़ा फैन बताया है और कहा है कि वे सबसे भरोसेमंद नेता है। असले तोजे के मुताबिक, प्रधानमंत्री आज विश्व में शांति का सबसे विश्वसनीय चेहरा हैं और वे एक ऐसे नेता है जो द्ध (रूस-यूक्रेन जंग) को बंद करवा कर शांति स्थापित करा सकते है। असले तोजे ने आगे कहा है कि अगर पीएम मोदी नोबेल शांति पुरस्कार जीत लेते है तो यह एक योग्य नेता के लिए यह एक ऐतिहासिक जीत होगी। 

कौन हैं असले तोजे?

आपको बता दें कि पीएम मोदी की जमकर तारीफ करने वाले असले तोजे कोई और नहीं बल्कि ये नोबेल समिति के उप नेता हैं। यह वही समिति है जो दुनिया भर में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता का चुनाव करती है और उन्हें इस पुरस्कार से नवाजती है। वहीं अगर बात की जाए तोजे के बारे में तो ये एक विद्वान है और इसके साथ वे एक लेखक भी है। 

असले तोजे दुनिया के कई देश जैसे जर्मनी, फ्रांस, बेल्जियम, इंग्लैंड और अमेरिका में काम कर चुके है। इसके अलावा अगर उनकी शिक्षा की बात की जाए तो वे ओस्लो और ट्रोम्सो यूनिवर्सिटीज से पढ़ चुके है और उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से अपनी पीएचडी की पढ़ाई पूरी की है। 

पीएम रूस-यूक्रेन संकट में रखते है अलग रूख

आपको बता दें कि रूस-यूक्रेन संकट में पीएम मोदी अगल ही रूख रखते है। एक तरफ इस संकट के कारण दुनिया के कई देश दो अलग-अलग गुट में बंट गए है। एक तरफ जहां रूस के विरोध में अमेरिका और उसके सहयोगी देश यूक्रेन का साथ दे रहे है तो वहीं दूसरी ओर भारत किसी एक के पक्ष में नहीं है और वह दोनों के साथ खड़ा है। इस पर पीएम मोदी का कहना है कि इस संकट को कूटनीति और बातचीत से ही हल किया जा सकता है। 

गौर करने वाली बात यह है कि नोबेल शांति पुरस्कार हर साल दिया जाता है और यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जो पूरे विश्व में शांति को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यही नहीं पुरस्कार को देते समय इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि जिसे भी यह सम्मान दिया जा रहा है उसने अपनी भूमिका के कारण शांति स्थापित करने के लिए सेना की तैनाती कम से कम की गई है।  

 

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