नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, पत्नी उषा वेंस और बच्चों का दिल्ली में लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए चल रही वार्ता की पृष्ठभूमि में सोमवार को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ बातचीत की। उम्मीद है कि दोनों नेता भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक संबंधों को और विस्तार करने के तौर-तरीकों के साथ-साथ अमेरिका की व्यापार नीति पर भारत की चिंताओं पर भी चर्चा करेंगे।
इस भेंटवार्ता के बाद, प्रधानमंत्री मोदी वेंस, उनकी भारतीय मूल की पत्नी उषा चिलुकुरी तथा उपराष्ट्रपति के साथ आए वरिष्ठ अमेरिकी सरकारी अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल के लिए रात्रिभोज आयोजित करेंगे। वेंस और उनका परिवार सप्ताहांत इटली की यात्रा करने के बाद चार दिवसीय भारत यात्रा पर आज सुबह दिल्ली पहुंचे।
वह 2013 में जो बाइडेन की नयी दिल्ली यात्रा के बाद पिछले 12 वर्षों में भारत की यात्रा करने वाले पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति हैं। वेंस की यह पहली भारत यात्रा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत समेत लगभग 60 देशों के खिलाफ व्यापक शुल्क व्यवस्था लगाने और फिर उसे स्थगित करने के कुछ सप्ताह बाद हो रही है।
भारत और अमेरिका अब द्विपक्षीय व्यापार समझौता करने के लिए बातचीत कर रहे हैं, जिसमें शुल्क और बाजार पहुंच समेत विभिन्न मुद्दों के समाधान की उम्मीद है। वेंस और उनका परिवार जयपुर और आगरा भी जा रहे हैं
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारतीय मूल की अपनी पत्नी उषा और अपने तीन बच्चों के साथ सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में जनपथ स्थित सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्रीज एम्पोरियम (सीसीआईई) गए, जहां उन्होंने भारतीय हस्तशिल्प की कुछ पारंपरिक वस्तुएं खरीदीं। वेंस आज सुबह दिल्ली पहुंचे और इसके बाद वह यमुना किनारे स्थित स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर गए। बाद में वह कॉटेज एम्पोरियम पहुंचे।
यह एक सरकारी शोरूम है और प्रामाणिक हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों के लिए जाना जाता है। सीसीआईई की महाप्रबंधक मीरा सोमानी ने ‘पीटीआई वीडियो’ को बताया, "यह एक अद्भुत यात्रा थी और उन्होंने (वेंस ने) इसका भरपूर आनंद लिया। हम काफी उत्साहित थे। उन्होंने हमारे शोरूम से खरीदारी भी की।’’
कॉटेज एम्पोरियम के कर्मचारियों के अनुसार, वेंस ने लकड़ी के सामान, हथकरघा उत्पाद और पीतल के बर्तन खरीदे। कर्मचारी अनिल रजक ने कहा, "वह भारतीय हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों को एक ही जगह देखकर बहुत खुश हुए।" साल 1952 में स्थापित, सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्रीज एम्पोरियम की परिकल्पना भारत की शिल्प विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए एक मंच के रूप में की गई थी। वेंस के दिल्ली पहुंचने पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया तथा हवाई अड्डे पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उनका स्वागत किया।