नई दिल्ली: अडानी मामले पर केंद्र सरकार पर विपक्ष लगातार निशाना साध रहा है। अब एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सीधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया है। ओवैसी ने पीएम मोदी पर डरने की आरोप लगाते हुए कहा है कि जैसे प्रधानमंत्री चीन का नाम नहीं लेते वैसे ही अडानी का नाम लेने से भी बच रहे हैं।
एएनआई से बात करते हुए ओवैसी ने कहा, "हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद भारत की एक बड़ी शख्सियत (अडानी) की 40% दौलत खत्म हो गई। वे (मोदी सरकार) सुप्रीम कोर्ट का बहाना बना रहे हैं। हम सोचते थे कि पीएम मोदी चीन का नाम लेने से डरते हैं लेकिन अब वह अडानी का नाम लेने से भी डरते हैं।"
एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने मीडिया संस्थान बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तरों पर आयकर विभाग के सर्वे पर अपनी बात रखी। ओवैसी ने कहा, "प्रेस की आजादी होनी चाहिए। यदि प्रेस केवल सत्तारूढ़ दल की प्रशंसा करने वाली खबरें दिखाएगा और सरकार की आलोचना करने वाली खबरों को नजरअंदाज करेगा तो यह लोकतंत्र को कमजोर करेगा। गुजरात में जो हुआ उससे कौन इनकार कर सकता है। आज छापेमारी की जा रही है।"
बता दें कि पहले अडानी मामले और अब बीबीसी पर कार्रवाई के बाद केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर है। आयकर विभाग के सर्वे के बाद देश का राजनीतिक माहौल गर्म है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि बीबीसी पर यह सर्वे लोगों का ध्यान भटकाने के लिए किया गया है। जयराम नरेश ने कहा, "राहुल गांधी ने सरकार से अदाणी के मामले पर गंभीर सवाल किए थे। सरकार इन सवालों से बचना चाहती थी। इसलिए जानबूझकर बीबीसी पर सर्वे की कार्रवाई कर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।"
विपक्ष के नेता जहां इसे अघोषित आपातकाल और भारत के लोकतंत्र पर हमला बता रहे हैं वहीं भाजपा का कहना है कि ये सिर्फ कानूनी प्रक्रिया है और देश में कानून से उपर कोई भी नहीं है। पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा है कि जो भी देश की सीमाओं के अंदर रहता है या काम करता है, उसे भारत के कानूनों का पालन करना पड़ेगा।