रूस के दूरवर्ती पूर्वी इलाके का ‘‘सार्थक’’ दौरा समाप्त करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बृहस्पतिवार को स्वदेश रवाना हो गए।
दौरे में उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता की और ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में हिस्सा लिया। रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दौरे के परिणाम से रूस और भारत और निकट आएंगे। मोदी ने 36 घंटे का दौरा समाप्त करने के बाद ट्वीट किया, ‘‘धन्यवाद रूस। यह सफल दौरा रहा।
इस दौरे के परिणाम से भारत और रूस और नजदीक आएंगे। स्वागत- सत्कार के लिए राष्ट्रपति पुतिन, सरकार और रूस के लोगों का आभार।’’ मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने रूस के इस सुदूर पूर्वी इलाके का दौरा किया।
उन्होंने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ वार्ता की जिस दौरान उन्होंने व्यापार एवं निवेश, तेल और गैस, परमाणु ऊर्जा, रक्षा, अंतरिक्ष और समुद्री संपर्क मार्ग में सहयोग और बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की। दोनों पक्षों के बीच रक्षा, वायु और समुद्री संपर्क मार्ग, ऊर्जा, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम और व्यापार सहित 15 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
भारत 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने को लेकर प्रतिबद्ध: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी सरकार ‘नये भारत’ का निर्माण करने पर काम कर रही है और वह 2024 तक देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मेजबानी में आयोजित पूर्वी आर्थिक मंच की बैठक में यह कहा।
पांचवें पूर्वी आर्थिक मंच (ईईएफ) के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र के साथ ‘न्यू इंडिया’ के निर्माण में काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार 2024 तक भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है।
उन्होंने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये उठाये जा रहे कुछ कदमों के बारे में जानकारी दी। पुतिन की मौजूदगी में प्रधानमंत्री ने ‘सुदूर पूर्व में कार्य करो’ (एक्ट फार ईस्ट) की नीति का खुलासा किया। इसके तहत रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र के साथ गतिविधियों को बढ़ावा दिया जायेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘आइये हम भारत और रूस के बीच संबंधों को और मजबूत बनायें... भारत को प्रवासी भारतीयों की उपलब्धियों पर गर्व है। मुझे भरोसा है कि रूस के सुदूर पूर्व में भी प्रवासी भारतीय क्षेत्र के विकास के लिये सक्रिय योगदान करेंगे।’’
भारत ने बृहस्पतिवार को रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र के विकास के लिये एक अरब डॉलर की कर्ज सुविधा देने की घोषणा की। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने इस अवसर पर कहा कि भारत और रूस एक संयुक्त जलपोत निर्माण उद्यम शुरू करने की संभावनायें तलाश रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार को लेकर व्यापक बातचीत के बाद पुतिन ने कहा, ‘‘कल हमने प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) के साथ बातचीत की। हम एक संयुक्त उद्यम शुरू करने की संभावनाओं को देख रहे हैं। हो सकता है कुछ जलपोत हमारे द्वारा बनाये जायें।’’