गोरखपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गीता प्रेस के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि गीता प्रेस विश्व का इकलौता ऐसा प्रिंटिंग प्रेस है, जो सिर्फ एक संस्था नहीं है बल्कि, एक जीवंत आस्था है। गीता प्रेस सिर्फ एक प्रिंटिंग प्रेस नहीं बल्कि करोड़ों लोगों का मंदिर है...प्रेस के नाम में भी गीता है और काम में भी गीता है।
पीएम मोदी ने कहा, "1923 में गीता प्रेस के रूप में जो आध्यात्मिक रोशनी यहां प्रकाशित हुई, आज उसकी रोशनी पूरी मानवता का मार्गदर्शन कर रही है...100 साल पहले औपनिवेशिक ताकतों ने भारत का शोषण किया...हमारे गुरुकुल नष्ट कर दिए गए। जब हमारी प्रिंटिंग प्रेस अपनी उच्च लागत के कारण प्रत्येक नागरिक तक नहीं पहुंच पा रही थी...गीता प्रेस मार्गदर्शक शक्ति बनी...हम सभी इस संगठन के शताब्दी समारोह के साक्षी बनने के लिए भाग्यशाली हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "गीता प्रेस भी इस बात का प्रमाण है कि जब आपके उद्देश्य शुद्ध हों, आपके मूल्य शुद्ध हों तो सफलता आपका पर्याय बन जाती है। आज भारत विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है...यह समय गुलामी की मानसिकता से मुक्त होकर अपनी विरासत पर गर्व करने का है।" उन्होंने ये भी कहा कि इस बार का मेरा गोरखपुर का दौरा विकास भी-विरासत भी की नीति का अद्भुत उदाहरण है।"