नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि देश नारी शक्ति का सही उपयोग कर 2047 की आकांक्षाओं के अनुरूप अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकता है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों के राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत काल में विकसित राष्ट्र के निर्माण के सपनों और आकांक्षाओं को साकार करने में श्रम बल की महत्वपूर्ण भूमिका थी। पीएम ने अपने भाषण में कहा, अगर हम अपनी नारी शक्ति का इस्तेमाल करें तो भारत अपने लक्ष्यों को तेजी से हासिल कर सकता है।
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘हमें सोचना होगा कि हम अपने महिला वर्कफोर्स के लिए खासकर उभरते क्षेत्रों में और क्या कर सकते हैं। हम काम के लचीले घंटों को अपनाकर नारी शक्ति का अच्छा उपयोग कर सकते हैं। यह भविष्य की आवश्यकता है।’’ उन्होंने कहा कि बीते आठ सालों में हमने देश में गुलामी के दौर के और गुलामी की मानसिकता वाले कानूनों को खत्म करने का बीड़ा उठाया है।
पीएम ने इस दौरान श्रम कानूनों में बदलाव और सुधार का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश अब ऐसे श्रम कानूनों को बदल रहा है, सुधार कर रहा है। उन्हें सरल बना रहा है। पीएम ने इस बात की जानकारी दी कि 29 श्रम कानूनों को 4 सरल लेबर कोड्स में बदल दिया गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की महिला कार्य भागीदारी दर वर्ष 2021 के लिए लगभग 25% थी, जो उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए सबसे कम थी।
पीएम ने आगे कहा, देश का श्रम मंत्रालय अमृतकाल में साल 2047 के लिए अपना विजन भी तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि फ्लेक्सिबल वर्क प्लेस और वर्क फ्रॉम होम इकोसिस्टम भविष्य की जरूरत है। हम फ्लेक्सिबल वर्क प्लेस जैसी व्यवस्थाओं को महिला श्रमशक्ति की भागीदारी के लिए अवसर के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि इस 15 अगस्त को लाल किले से मैंने देश की नारीशक्ति की संपूर्ण भागीदारी का आह्वान किया है।
पीएम ने कहा, इसी सोच के साथ देश संगठित और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों श्रमिक साथियों के लिए निरंतर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, जैसे अनेक प्रयासों ने श्रमिकों को एक तरह का सुरक्षा कवच दिया है।