नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यूक्रेन संकट को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की। इससे पहले भी पीएम मोदी यूक्रेन संकट को लेकर मीटिंग कर चुके हैं। भारत सरकार की प्राथमिकता यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र में फंसे भारतीयों को निकालने की है। इस बैठक में रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय समेत कई अन्य विभागों के मंत्री और उच्च अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में उपस्थित लोगों में केंद्रीय मंत्री एस जयशंकर और पीयूष गोयल के अलावा विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी शामिल थे। यूक्रेन में रूसी सैनिकों द्वारा तीव्र सैन्य अभियान के बीच पिछले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री वरिष्ठ अधिकारियों और केंद्रीय मंत्रियों के साथ लगातार बैठकों की अध्यक्षता कर रहे हैं। सरकार ने अपने नागरिकों को संघर्ष क्षेत्र से वापस लाने के लिए 'ऑपरेशन गंगा' को शुरू किया है।
इस उच्च स्तरीय बैठक से पहले भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से यह जानकारी दी गई कि पिछले 24 घंटों में 15 फ्लाइट भारत पहुंचीं हैं जिनमें लगभग 2900 भारतीयों को निकाला गया है। ऑपरेशन गंगा के तहत 63 उड़ानें अब तक लगभग 13,300 भारतीयों को लेकर भारत पहुंची हैं। मंत्रालय ने कहा, अगले 24 घंटों में 13 और फ्लाइट शेड्यूल हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा यूक्रेन के खारकीव शहर से लगभग सभी भारतीयों को निकाला जा चुका है। अब मुख्य ध्यान अब सुमी पर है। सूमी में समस्या है। हम दोनों पक्षों से संघर्ष विराम के लिए दृढ़ता से आग्रह करते हैं, आशा है कि यह जल्द ही होगा क्योंकि गोलाबारी होगी, जिससे जान जोखिम में पड़ सकती है। मालूम हो कि भारत सरकार यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा को शुरू किया है।