विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने 23 अक्टूबर को एक ट्वीट किया। उसमें लिखा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2018 का सियोल शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। 24 अक्टूबर को विदेश मंत्रालय ने इसका आधिकारिक बयान जारी कर दिया। पीएम मोदी इस अवार्ड को पाने वाले 14वें शख्स हैं और भारत भारत से यह सम्मान पाने वाले पहले व्यक्ति हैं।
इस अवार्ड की अहमियत इस बात से पता चलती है कि इसके लिए दुनिया भर से 1300 नामांकन मिले थे। अवार्ड कमेटी ने 100 नामों पर गंभीरता से विचार किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर मुहर लगाई। इससे पहले ये अवॉर्ड जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और यूएन महासचिव रहे बान की मून को भी दिया जा चुका है।
आखिर पीएम मोदी की वो कौन सी खूबियां हैं जिसके लिए दुनिया भर के प्रतिष्ठित उम्मीदवारों को छोड़कर उन्हें यह अवार्ड दिया गया...
1. मोदीनॉमिक्स
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनधन जैसी महात्वाकांक्षी योजना लॉन्च की थी। उस वक्त करोड़ों गरीबों के बैंक खाते खोले गए। अवार्ड कमेटी ने गरीब और अमीर के बीच सामाजिक और आर्थिक खाई पाटने के लिए 'मोदीनॉमिक्स' को क्रेडिट दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और विश्व की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में जो योगदान दिया है, अवार्ड कमेटी ने इसे पहचाना।
2. भ्रष्टाचार पर लगाम
नरेंद्र मोदी की नोटबंदी और जीएसटी जैसी योजनाओं से देश में भले ही किरकिरी हुई हो लेकिन सियोल पीस प्राइज अवार्ड कमेटी ने भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए इसे बड़ा कदम बताया है। अवार्ड पाने के पीछे यह भी एक बड़ी वजह है।
3. वैश्विक सहयोग
सियोल पीस प्राइज कमेटी ने पीएम मोदी के उस योगदान को भी सराहा जो उन्होंने अपनी विदेश नीति के जरिए किए हैं। कमेटी का मानना है कि उनकी नीतियों में क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के प्रयास निहित हैं जिनका दूरगामी परिणाम देखने को मिलेगा।
सियोल पीस प्राइज क्या है?
साल 1990 में रिपब्लिक ऑफ कोरिया में 24वें ओलंपिक खेलों का आयोजन किया गया था। इसमें दुनिया भर के 160 देशों ने हिस्सा लिया। इस आयोजन की सफलता के बाद सियोल पीस प्राइज की शुरुआत हुई। ये सम्मान ऐसे लोगों को दिया जाता है जिन्होंने मानवता, देशों के बीच परस्पर सहयोग और विश्व शांति के लिए योगदान करते हैं। पीएम मोदी ने भी रिपब्लिक ऑफ कोरिया का आभार प्रकट करते हुए यह सम्मान स्वीकार कर लिया है।