पेप्सिको इंडिया ने गुजरात के किसानों के खिलाफ दायर मामले में समझौते का प्रस्ताव दिया है। खाद्य और पेय पदार्थ की बिक्री करने वाली दिग्गज कंपनी ने गुजरात के 9 किसानों के खिलाफ मकदमा दर्ज कराया था। किसानों पर आरोप था कि उन्होंने कंपनी के पंजीकृत आलू के किस्म की अवैध खेती कर रहे हैं। कंपनी ने किसानों से 4.2 करोड़ रुपये हर्जाने की मांग की थी। एक कॉमर्शियल अदालत में शुक्रवार को इस सिलसिले में सुनवाई हुई।
पेप्सिको ने शुक्रवार को कहा कि किसान अगर उनका रजिस्टर्ड आलू उगाना बंद कर देंगे तो केस वापस ले लेगी। कंपनी ने किसानों से मौजूदा आलू के स्टॉक को नष्ट करने की भी बात कही। गौरतलब है कि पेप्सिको ने 2016 में FC5 किस्म के आलू पर देश में विशेष अधिकार हासिल किया था।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने किसानों से एग्रीमेंट करने को कहा है जिसमें वो बीज लेकर फसल उगा सकते हैं और रिजस्टर्ड आलू वापस उसे ही बेच सकते हैं। पेप्सिको ने प्लांट वैरायटी प्रोटेक्शन अधिकार नियम के तहत एफसी5 किस्म के आलू को रजिस्टर्ड करवा रखा है। यह 2031 तक मान्य होगा।
कार्यकर्ताओं ने बनाया था दबाव
पेप्सिको इंडिया कंपनी द्वारा पंजीकृत आलू की विशेष किस्म की अवैध खेती करने के आरोप में गुजरात के किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों पर 190 से अधिक कार्यकर्ताओं ने केंद्र को अनुरोध पत्र भेज कर वह कंपनी को किसानों के खिलाफ दर्ज इन ‘‘गलत’’ मामलों को वापस लेने का निर्देश दे।
कृषि मंत्रालय को भेजे पत्र में 194 कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर हैं। इसमें किसानों के अधिकारों के संरक्षण और उन्हें वित्तीय मदद की मांग की गयी है। इन किसानों पर आलू के किस्म एफसी-5 की खेती और उसकी बिक्री करने के आरोप में कंपनी ने मामला दर्ज कराया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर