कश्मीर में लोग स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं, जो लोग दावा कर रहे हैं कि वहां बंद हैं, उनका अस्तित्व आतंकवाद पर निर्भरः रावत
By भाषा | Updated: September 25, 2019 15:46 IST2019-09-25T15:43:49+5:302019-09-25T15:46:29+5:30
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में जनजीवन प्रभावित नहीं हुआ है। लोग अपने आवश्यक काम कर रहे हैं, स्पष्ट संकेत हैं कि काम नहीं रुका है और लोग स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं। जिन लोगों को लगता है कि जीवन प्रभावित हुआ है, उनका अस्तित्व आतंकवाद पर निर्भर है।’’

रावत ने सोमवार को इन दावों को खारिज किया था कि जम्मू-कश्मीर में शिकंजा कसना जारी है
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि लोग कश्मीर घाटी में स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं और जो लोग दावा कर रहे हैं कि वहां बंद हैं, उनका अस्तित्व आतंकवाद पर निर्भर है।
वह यहां पंजाब रेजिमेंट के 29वें और 30वें बटालियन को प्रेसिडेंट्स कलर से सम्मानित करने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में जनजीवन प्रभावित नहीं हुआ है। लोग अपने आवश्यक काम कर रहे हैं, स्पष्ट संकेत हैं कि काम नहीं रुका है और लोग स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं। जिन लोगों को लगता है कि जीवन प्रभावित हुआ है, उनका अस्तित्व आतंकवाद पर निर्भर है।’’
रावत ने कहा कि ईंट भट्ठे सामान्य रूप से चल रहे हैं, ट्रकों में बालू ढोए जा रहे हैं और दुकानें खुली हैं जिससे प्रतीत होता है कि घाटी में जनजीवन सामान्य है। सेना प्रमुख ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या नियंत्रण रेखा के पास तनाव है।
Jharkhand: Army Chief General Bipin Rawat, today presented the ‘President’s Colours’ Nishan to 29 Punjab & 30 Punjab, during Colour Presentation Parade held at the PUNJAB Regimental Centre, Ramgarh. pic.twitter.com/VKurpSCLWn
— ANI (@ANI) September 25, 2019
उन्होंने कहा कि मंगलवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में भूकंप आने के कारण लोगों को समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं। पीओके में मंगलवार को 5.8 की तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए जिसमें कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई और 300 से अधिक लोग घायल हो गए।
सेना ने मंगलवार को कुछ फोटो और वीडियो जारी किए थे जिसमें जम्मू-कश्मीर में ‘‘सेबों की गाड़ियों में लोडिंग, खेतों में हो रहे कामकाज और लोगों के घूमने-फिरने’’ को दिखाया गया। रावत ने सोमवार को इन दावों को खारिज किया था कि जम्मू-कश्मीर में शिकंजा कसना जारी है और कहा कि आतंकवादियों ने इस तरह की छवि पेश की है ताकि बाहरी दुनिया के समक्ष ‘‘कड़े कदमों’’ की गलत तस्वीर पेश की जा सके। गौरतलब है कि पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से वहां पाबंदियां लगाई गई थीं।