पेगासस स्पाईवेयर: मायावती, अखिलेश यादव और अभिषेक बनर्जी ने सरकार पर किया वार, कहा-जेपीसी जांच हो
By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 20, 2021 14:45 IST2021-07-20T14:06:41+5:302021-07-20T14:45:47+5:30
भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर संभवत: हैक किए गए हैं।

स्पाइवेयर केवल सरकारी एजेंसियों को बेचा जाता है। (फाइल फोटो)
नई दिल्लीः संसद का मानसून सत्र चल रहा है। विपक्षी दलों ने इजरायली स्पाइवेयर पेगासस मामले पर सरकार पर हमला तेज कर दिया है।
कांग्रेस, टीएमसी, सपा और बसपा ने केंद्र सरकार से कहा कि इस मामले पर जेपीसी जांच हो। संसद में हमले तेज हुआ है। कथित रूप से जासूसी कराए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया है।
गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के एक अंतरराष्ट्रीय संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर, हो सकता है कि हैक किए गए हो।
उधर, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं।
मायावती ने जासूसी मामले की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच की मांग की
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने इजराइल के स्पाइवेयर ‘पेगासस’ के जरिए कथित जासूसी के मामले की गंभीरता को ध्यान में रखकर उसकी स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच कराये जाने की मंगलवार को मांग की। बसपा नेता ने ट्वीट किया, ‘‘ जासूसी का गंदा खेल तथा ब्लैकमेल आदि कोई नई बात नहीं किन्तु काफी महंगे उपकरणों से निजता भंग करके मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, अफसरों व पत्रकारों आदि की जासूसी करना अति-गंभीर व खतरनाक मामला...जिसका भंडाफोड़ हो जाने से यहां देश में भी खलबली व सनसनी फैली हुई है। ’’
2. इसके सम्बंध में केन्द्र की बार-बार अनेकों प्रकार की सफाई, खण्डन व तर्क लोगों के गले के नीचे नहीं उतर पा रहे हैं। सरकार व देश की भी भलाई इसी में है कि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखकर इसकी पूरी स्वतंत्र व निापक्ष जाँच यथाशीघ्र कराई जाए ताकि आगे जिम्मेदारी तय की जा सके।
— Mayawati (@Mayawati) July 20, 2021
मायावती ने कहा, ‘‘ इसके सम्बंध में केन्द्र की बार-बार अनेकों प्रकार की सफाई, खंडन व तर्क लोगों के गले नहीं उतर पा रहे हैं। सरकार तथा देश की भी भलाई इसी में है कि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखकर इसकी पूरी स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच यथाशीघ्र कराई जाए ताकि आगे जिम्मेदारी तय की जा सके।’’
जासूसी मामले में अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार को घेरा
समाजवादी पार्टी (सपा) ने इजराइल के स्पाइवेयर पेगासस के जरिए कथित जासूसी करने के मामले में केंद्र सरकार को निशाना बनाते हुये मंगलवार को कहा कि फोन टैप कराकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना ‘निजता के अधिकार’ का घोर उल्लंघन है।
फ़ोन की जासूसी करवाकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना ‘निजता के अधिकार’ का घोर उल्लंघन है। अगर ये काम भाजपा करवा रही है तो ये दंडनीय है और अगर भाजपा सरकार ये कहती है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है तो ये राष्ट्रीय सुरक्षा पर उसकी नाकामी है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 20, 2021
फ़ोन-जासूसी एक लोकतांत्रिक अपराध है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘‘ फोन की जासूसी करवाकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना ‘निजता के अधिकार’ का घोर उल्लंघन है। अगर ये काम भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) करवा रही है तो यह दंडनीय है और अगर भाजपा सरकार यह कहती है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में उसकी नाकामी है। फोन-जासूसी लोकतंत्र में एक अपराध है।’’
जासूसी के खुलासों के लेकर अभिषेक का शाह को ताना, कहा- 2024 में बेहतर तैयारी के साथ आएं
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर जासूसी के आरोपों को लेकर तंज कसते हुए कहा कि शाह जासूसी कराने के बावजूद बंगाल विधानसभा चुनाव में हार के अपमान से अपना चेहरा नहीं बचा पाए। बनर्जी ने भाजपा के वरिष्ठ नेता शाह का मजाक उड़ाते हुए कहा कि वे 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अच्छी तरह से तैयार होकर वापस आएं।
अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट किया, '' श्री अमित शाह ईडी, सीबीआई, एनआईए, आईटी, ईसीआई, धनबल और पेगासस जैसे भाजपा के सहयोगी दलों के बावजूद बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में अपना चेहरा नहीं बचा सके। कृपया 2024 में बेहतर संसाधनों के साथ आएं।'' इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस ने इजरायली स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर पार्टी सांसद अभिषेक बनर्जी और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कथित रूप से जासूसी कराए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया है।
(इनपुट एजेंसी)
