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पेगासस जासूसी मामले में विपक्षी पार्टियों को मिला नीतीश का साथ, बोले-निश्चित तौर पर होनी चाहिए जांच

By अभिषेक पारीक | Updated: August 2, 2021 17:22 IST

पेगासस जासूसी मामले में केंद्र सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है। अब विपक्षी पार्टियों को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी साथ मिला है।

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ठळक मुद्देपेगासस जासूसी मामले में विपक्षी केंद्र सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है। अब विपक्षी पार्टियों को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी साथ मिला है। नीतीश कुमार ने कहा कि पेगासस मामले की निश्चित तौर पर जांच होनी चाहिए। 

पेगासस जासूसी मामले में केंद्र सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है। अब विपक्षी पार्टियों को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी साथ मिला है। नीतीश कुमार ने भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए पेगासस मामले की जांच कराने की बात कही है। उन्होनें कहा कि पेगासस मामले की निश्चित तौर पर जांच होनी चाहिए। 

बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया ने जो कुछ भी रिपोर्ट किया है उससे मुझे पता चला है कि पिछले कुछ दिनों से फोन टैपिंग का मामला न्यूज में है और विपक्षी पार्टियां संसद में मुद्दे को उठा रही हैं। इसकी जांच होनी चाहिए, जिससे सच सामने आए। उन्होंने कहा कि यदि कोई किसी को परेशान करने की कोशिश कर रहा है तो जांच तो होनी ही चाहिए।

इससे पहले सोमवार को भी संसद में विपक्षी पार्टियों ने पेगासस जासूसी मामले और अन्य मुद्दों को लेकर अपना विरोध जारी रखा। जिसके बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। 

चौधरी ने कहा-पेगासस एक जासूसी कांड

इस बीच कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पेगासस को जासूसी कांड करार दिया और केंद्र सरकार से पूछा कि वह इसकी जांच क्यों नही करवा रही है। उन्होंने कहा कि यह सरकार पैसा बर्बाद कर रही है। हमें क्या करना चाहिए? न केवल इस देश में बल्कि पेगासस पर पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। इजरायल, फ्रांस, अमेरिका, जैसे देश इस मामले की जांच कर रहे हैं। फिर केंद्र सरकार इसकी जांच क्यों नहीं करा रही है? उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की सरकार क्यों डरी हुई है? मैं आपको बताता हूं, पेगासस एक जासूसी कांड है। 

पेगासस से खड़ा हुआ राजनीतिक विवाद

बता दें कि इस मामले में मीडिया रिपोर्ट ने खुलासा किया था कि पेगासस के इस्तेमाल के जरिये नेताओं, सरकारी अधिकारियों, पत्रकारों, जजों और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों की जासूसी के लिए किया गया था। जिसके बाद से इसे लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। कई देशों ने इस मामले की जांच के भी आदेश दिए हैं।  

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