पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों, पत्रकारों, नेताओं और अन्य की जासूसी मामले को अमेरिका में रिचर्ड निक्सन के शासनकाल में सामने आए 'वाटरगेट' प्रकरण से भी अधिक खतरनाक बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ उनकी बैठकों की भी जासूसी की गई।
ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैंने कुछ दिनों पहले कहा था कि प्रशांत किशोर और कुछ अन्य लोगां के साथ मैं बैठक में थी। उन्होंने (सरकार) मीटिंग का क्लोन बनाया। प्रशांत किशोर ने अपने फोन की जांच करवाई और उसमें सामने आया कि एक बैठक के बारे में पेगासस स्पाईवेयर के माध्यम से उन्हें (सरकार) पता था।‘
बनर्जी ने इस मामले को 'महा-आपातकाल' करार दिया। मुख्यमंत्री ने राज्य सचिवालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि भाजपा नीत सरकार ने सभी निष्पक्ष संस्थानों का राजनीतिकरण कर दिया है। उन्होंने कहा, 'पेगासस, वाटरगेट स्कैंडल से भी अधिक खतरनाक है, यह महा-आपातकाल है।'
बनर्जी ने कहा, 'वे (भाजपा नेतृत्व) यहां तक कि अपने मंत्रियों और अधिकारियों पर भी विश्वास नहीं करते। मैंने सुना है कि उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कई लोगों के फोन टैप किए।' ममता बनर्जी ने कहा कि यदि वे प्रशांत किशोर का फोन टैप कर सकते हैं तो वे मेरे फोन का भी क्लोन कर सकते हैं।
बता दें कि रविवार को अंतरराष्ट्रीय मीडिया के एक संघ ने बताया था कि पेगासस स्पाईवेयर के माध्यम से 300 मोबाइल फोन की जासूसी की गई थी। जिसमें केंद्रीय मंत्री, पत्रकार, विपक्षी नेता, जज, व्यवसायी और बड़ी संख्या में अन्य लोग भी शामिल थे। संसद के मानसून सत्र के एक दिन पहले आई रिपोर्ट के बाद हंगामा मच गया है। विपक्ष लगातार केंद्र सरकार को घेर रहा है और पेगासस स्पाईवेयर की मदद से जासूसी कराने का आरोप लगा रहा है। हालांकि सरकार लगातार इन आरोपों को खारिज कर रही है।