पेगासस जासूसी मामलाः राहुल गांधी, प्रशांत किशोर, अश्विनी वैष्णव और प्रह्ललाद पटेल को बनाया गया निशाना, जानें मामला
By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 19, 2021 20:40 IST2021-07-19T17:52:24+5:302021-07-19T20:40:33+5:30
द वायर ने कहा कि आंकड़ों में भारत के जो नंबर हैं उनमें 40 से अधिक पत्रकार, तीन प्रमुख विपक्षी हस्तियां, नरेन्द्र मोदी सरकार के दो मंत्री, एक न्यायाधीश और कई करोबारियों के नंबर शामिल हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि BJP का नाम भारतीय जासूस पार्टी होना चाहिए।
नई दिल्लीः इजराइल के जासूसी साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं सहित 300 से अधिक मोबाइल नंबर को हैक किया गया।
इस बीच यह खुलासा हुआ है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, नए आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री प्रह्ललाद पटेल को निशाना बनाया गया है। इनके अलावा तीन बड़े विपक्षी नेताओं, सुरक्षा एजेंसियों के मौजूदा, पूर्व प्रमुख और बिजनेसमैन शामिल हैं।
दो मोबाइल फोन खाते को हैक किया गया
रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि इन नंबरों को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 2018-2019 के बीच निशाना बनाया गया था। पेगासस रिपोर्ट की एक नई किस्त में द वायर ने कहा है कि राहुल गांधी द्वारा इस्तेमाल किए गए कम से कम दो मोबाइल फोन खाते को हैक किया गया।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि BJP का नाम भारतीय जासूस पार्टी होना चाहिए। कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार "शयनकक्ष की बातचीत सुन रही है"। वैष्णव, जो हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल हुए, आईटी मंत्री हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि 2017 में संभावित निगरानी के लिए उन्हें निशाना बनाया गया था, जब वह न तो मंत्री थे और न ही सांसद थे।
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को भी टारगेट बनाया गया
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को भी टारगेट बनाया गया है। प्रशांत किशोर ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के प्रचार में बड़ी भूमिका निभाई थी, जिसके बाद भाजपा स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में आई थी।
सरकार ने मीडिया रिपोर्टों को खारिज करते हुए कहा,‘‘ भारत एक मजबूत लोकतंत्र है और वह अपने सभी नागरिकों के निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार के तौर पर सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही सरकार ने ‘‘जांचकर्ता, अभियोजक और ज्यूरी की भूमिका’’ निभाने के प्रयास संबंधी मीडिया रिपोर्ट को खारिज कर दिया।
मीडिया पार्टनर के रूप में प्रकाशित किया
रिपोर्ट को भारत के न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ के साथ-साथ वाशिंगटन पोस्ट, द गार्डियन और ले मोंडे सहित 16 अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों ने पेरिस के मीडिया गैर-लाभकारी संगठन फॉरबिडन स्टोरीज और राइट्स ग्रुप एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा की गई एक जांच के लिए मीडिया पार्टनर के रूप में प्रकाशित किया है।
यह जांच दुनिया भर से 50,000 से अधिक फोन नंबरों की लीक हुई सूची पर आधारित है और माना जाता है कि इजरायली निगरानी कंपनी एनएसओ ग्रुप के पीगैसस सॉफ्टवेयर के माध्यम से संभवतया इनकी हैकिंग की गई है। द वायर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मीडिया जांच परियोजना के हिस्से के रूप में किए गए फोरेंसिक परीक्षणों में 37 फोन को पीगैसस जासूसी साफ्टवेयर द्वारा निशाना बनाए जाने के स्पष्ट संकेत मिले हैं, जिनमें से 10 भारतीय हैं।