मुजफ्फपुर शेल्टर होम केसः मीडिया पर 'प्रतिबंध' लगाने के बाद अब पटना हाईकोर्ट ने की मी‌डिया की तारीफ

By एस पी सिन्हा | Published: August 27, 2018 05:33 PM2018-08-27T17:33:02+5:302018-08-27T17:34:59+5:30

पटना हाईकोर्ट बिहार सरकार के अनुरोध पर मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच की मॉनिटरिंग कर रहा है।

Patna High Court apriciates media on muzaffarpur shelter home case reporting after ban | मुजफ्फपुर शेल्टर होम केसः मीडिया पर 'प्रतिबंध' लगाने के बाद अब पटना हाईकोर्ट ने की मी‌डिया की तारीफ

फाइल फोटो

पटना, 27 अगस्त: बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका अल्पवास गृह यौन शोषण मामले की सीबीआई जांच की मॉनिटरिंग कर रहे पटना हाईकोर्ट ने आज मीडिया की तारीफ करते हुए कहा कि मीडिया की वजह से ही इस मामले का खुलासा हो सका। लेकिन कोर्ट ने कहा कि इसमें मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए। हाईकोर्ट में आज सीबीआई को मामले की जांच की स्टेटस रिपोर्ट सौंपना था। 

मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर शाह इस केस की सुनवाई कर रहे थे। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में जांच रिपोर्ट नियत तिथि पर नहीं सौंपे जाने पर सीबीआई को जमकर फटकार लगाई थी और इसके साथ ही जांच के बीच में ही एसपी का तबादला किए जाने पर भी सवाल किया था। इसका जवाब देते हुए सीबीआई ने आज कोर्ट को बताया कि अफसरों की कमी की वजह से ही सीबीआई एसपी का तबादला किया गया। कोर्ट में कल फिर इस मामले की सुनवाई होगी। कोर्ट यह भी जांच कर रहा है कि सीबीआई एसपी का तबादला वैलिड ग्राउंड पर किया गया था या कोई और वजह थी? आज की सुनवाई में सीबीआई के डीआइजी भी मौजूद रहे। वहीं कोर्ट से जब यह पूछा गया कि बालिका गृह मामले की खबरों को छापा जाए या नहीं? इस पर कोर्ट ने कहा कि इस बारे में कोर्ट का आदेश देख लेना चाहिए। 

यहां बता दें कि इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण मामले की जांच की स्‍टेटस रिपोर्ट जमा नहीं करने पर जांच एजेंसी सीबीआई की जमकर खिंचाई की थी और सवाल किया था कि जांच टीम का हिस्सा रहे सीबीआई के एसपी का ट्रांसफर क्‍यों किया गया? इसके बाद मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर। शाह और न्यायमूर्ति रवि रंजन की खंडपीठ ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह 27 अगस्त को मामले में अगली सुनवाई के दौरान अपना जवाब दाखिल करे और उसे अदालत के समक्ष सीलबंद लिफाफे में रखे। उल्लेखनीय है कि कोर्ट इस मामले में सीबीआई की जांच से नाखुश है और इसके साथ ही पटना हाईकोर्ट ने बालिका गृह कांड की जांच की रिपोर्टिंग पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य के महाधिवक्ता ने अपनी राय से राज्य सरकार को अवगत करा दिया, जिसके बाद समाज कल्याण विभाग ने एक नोटिस भी जारी कर इस केस की खबर दिखाने और छापने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। पटना हाईकोर्ट बिहार सरकार के अनुरोध पर मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच की मॉनिटरिंग कर रहा है। इस बीच अदालत ने जांच की जानकारी लीक होने को लेकर भी अप्रसन्नता जता और मीडिया से कहा कि वह इसे प्रकाशित करने से परहेज करे क्योंकि यह जांच के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

मीडिया को बि‌हार में ऐसी हैं चर्चाएं

पटना हाईकोर्ट ने सूबे में पॉलीथिन को प्रतिबंधित करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर शाह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि सरकार कानून बना कर पॉलीथिन पर बैन लगाये। साथ ही जनता को जागरूक करने के लिए मीडिया से सहयोग लेने को भी कहा है। हाईकोर्ट ने आज पॉलीथिन से होनेवाली समस्याओं पर चिंता जताई। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को कानून बना कर 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पॉलीथिन (प्लास्टिक थैले) को प्रतिबंधित करने को कहा है। हाईकोर्ट के मुकेश आर शाह की खंडपीठ ने ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक समेत अन्य मीडिया से सहयोग लेकर जनता को जागरूक करने को कहा है। इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 24 सितंबर की तिथि तय कर दी। 

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