नई दिल्लीः सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में 25 घंटे की चर्चा कराने पर सोमवार को सहमति जताई और इस चर्चा की शुरुआत अगले सप्ताह हो सकती है। हालांकि विपक्ष ने इस बात पर जोर दिया है कि चर्चा इसी सप्ताह शुरू होनी चाहिए। सरकार के रुख से अब संसद में गतिरोध के जल्द खत्म होने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में सत्तापक्ष के प्रतिनिधियों ने इस बात का उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री मोदी इस सप्ताह विदेश यात्रा पर जा रहे हैं और सदन में उनकी उपस्थिति में चर्चा अगले सप्ताह ही संभव है।
बीएसी की बैठक के बाद लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक कोडिकुनिल सुरेश ने यह भी बताया कि सरकार अगले सप्ताह चर्चा चाहती है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सप्ताह विदेश दौरे पर रहेंगे। उन्होंने संसद परिसर में कहा, ‘‘आज बीएसी की बैठक में वे (सरकार) ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकवादी हमले पर 25 घंटे यानी तीन दिन तक चर्चा करने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हुए। यह बिना किसी नियम के विशेष चर्चा होगी।’’
सुरेश का कहना था, ‘‘हमारी मांग है कि चर्चा तत्काल शुरू हो, लेकिन सरकार ने कहा कि अगले सप्ताह चर्चा होगी क्योंकि प्रधानमंत्री देश में नहीं हैं और जब भी प्रधानमंत्री वापस आएंगे तब तुरंत चर्चा शुरू की जाएगी।’’ लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने कहा कि विपक्ष चाहता है कि चर्चा तत्काल शुरू हो, लेकिन सरकार यह नहीं बता रही है कि चर्चा किस दिन से शुरू होगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के बजाय विदेश दौरे को ज्यादा महत्व दिया है। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने पहलगाम आतंकी हमले और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद समेत अन्य विषयों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई। विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के नेता मंगलवार सुबह संसद भवन में बैठक करेंगे और फिर वे इन मुद्दों को लेकर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन भी कर सकते हैं।