प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को छात्रों, शिक्षकों एवं अभिभावकों से बातचीत करेंगे और उनके साथ ‘‘मूल्यवान सुझाव’’ साझा कर रहे हैं। इस कार्यक्रम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि छात्र तनावमुक्त होकर आगामी बोर्ड एवं प्रवेश परीक्षाएं दें। यहां पीएम मोदी ने कहा कि यह दशक बेहद महत्वपूर्ण है।
-पीएम मोदी ने कहा 'अरुणाचल प्रदेश भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां लोग एक दूसरे को 'जय हिंद' कहते हैं। यह बेहद दुर्लभ है। आप सभी को नॉर्थ ईस्ट घूमना चाहिए'-पीएम मोदी ने कहा 'क्या हम तय कर सकते हैं कि 2022 में जब आजदी के 75 वर्ष होंगे तो मैं और मेरा परिवार जो भी खरीदेंगे वो 'मेक इन इंडिया' ही खरीदेंगे। मुझे बताइये ये कर्त्तव्य होगा या नहीं, इससे देश का भला होगा और देश की इकोनॉमी' को ताकत मिलेगी'।
- एक्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने कहा 'Co-curricular activities न करना आपको रोबोट की तरह बना सकता है। आप इसे बदल सकते हैं। इसके लिए बेहतर समय प्रबंधन की आवश्यकता होगी।'
- प्रधानमंत्री ने कहा 'सिर्फ परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं हैं। कोई एक परीक्षा पूरी जिंदगी नहीं है। ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। लेकिन यही सब कुछ है, ऐसा नहीं मानना चाहिए। मैं माता-पिता से भी आग्रह करूंगा कि बच्चों से ऐसी बातें न करें कि परीक्षा ही सब कुछ है।'
- यहां पीएम मोदी ने छात्रों से सवाल किया कि क्या आपको 2001 में भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज याद है? हमारी क्रिकेट टीम को असफलताओं का सामना करना पड़ रहा था। मूड बहुत अच्छा नहीं था। लेकिन, उन क्षणों में क्या हम कभी भूल सकते हैं कि जो राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने किया। उन्होंने मैच को पलट दिया।
-पीएम मोदी ने छात्रों से कहा 'सिर्फ परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं हैं। कोई एक परीक्षा पूरी जिंदगी नहीं है। ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। लेकिन यही सब कुछ है, ऐसा नहीं मानना चाहिए। मैं माता-पिता से भी आग्रह करूंगा कि बच्चों से ऐसी बातें न करें कि परीक्षा ही सब कुछ है'।
-उन्होंने कहा जाने अनजाने में हम लोग उस दिशा में चल पड़े हैं जिसमें सफलता -विफलता का मुख्य बिंदु कुछ विशेष परीक्षाओं के मार्क्स बन गए हैं। उसके कारण मन भी उस बात पर रहता है कि बाकी सब बाद में करूंगा, एक बार मार्क्स ले आऊं'।
-उन्होंने कहा 'अगर कोई मुझे कहे कि इतने कार्यक्रमों के बीच वो कौन सा कार्यक्रम है जो आपके दिल के सबसे करीब है, तो मैं कहूंगा वो कार्यक्रम है परीक्षा पे चर्चा। युवा मन क्या सोचता है, क्या करना चाहता है, ये सब मैं भली-भांति समझ पाता हूं।'
-पीएम मोदी ने कहा 'जैसे आपके माता-पिता के मन में 10वीं, 12वीं को लेकर टेंशन रहती है, तो मुझे लगा आपके माता-पिता का भी बोझ मुझे हल्का करना चाहिए। मैं भी आपके परिवार का सदस्य हूं, तो मैंने समझा कि मैं भी सामूहिक रूप से ये जिम्मेदारी निभाऊं।'
-उन्होंने कहा 'क्या कभी हमने सोचा है कि Mood off क्यों होता है? अपने कारण से या बाहर के किसी कारण से। अधिकतर आपने देखा होगा कि जब मूड ऑफ होता है, तो उसका कारण ज्यादातर बाह्य होते हैं।'
दिल्ली के तालकटोरा इनडोर स्टेडियम में आयोजित होने वाले ‘परीक्षा पे चर्चा’ के तीसरे सत्र में मोदी छात्रों और शिक्षकों से परीक्षा के तनाव को दूर करने पर संवाद किया। इस कार्यक्रम में कुल 2,000 छात्र एवं अध्यापक भाग लिया है, जिनमें से 1,050 छात्रों का चयन निबंध प्रतियोगिता के जरिए किया गया है। स्कूल और कॉलेज के छात्रों के साथ प्रधानमंत्री के संवाद कार्यक्रम का पहला संस्करण 'परीक्षा पे चर्चा ' 16 फरवरी, 2018 को तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित किया गया था।
यह कार्यक्रम सुबह करीब 11 बजे शुरू हुआ और ‘यूट्यूब’ पर भी इसका प्रसारण किया जा रहा है। बता दे कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उन छात्रों का चयन किया है जो पांच विषयों पर उनके द्वारा प्रस्तुत निबंधों के आधार पर प्रधानमंत्री से सवाल पूछ रहे हैं।