Paralympics 2024: भारत की प्रीति पाल ने कमाल कर दिया। पाल ने इतिहास रचते हुए पहला पदक जीता। पाल ने शुक्रवार को यहां पैरालंपिक की महिलाओं की टी35 वर्ग की 100 मीटर स्पर्धा में 14.21 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय से कांस्य पदक जीता। तेईस साल की प्रीति का कांस्य पदक पेरिस पैरालंपिक की पैरा एथलेटिक्स में भारत का पहला पदक है। चीन की झोऊ जिया (13.58) ने स्वर्ण और गुओ कियानकियान (13.74) ने रजत पदक जीता। टी35 वर्गीकरण उन खिलाड़ियों के लिए है, जिनमें समन्वय संबंधी विकार हाइपरटोनिया, अटैक्सिया और एथेटोसिस तथा मस्तिष्क पक्षाघात आदि शामिल होते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अवनि लखेरा, मोना अग्रवाल, प्रीति पाल और मनीष नरवाल को बधाई दी। रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक और चेयरपर्सन नीता एम अंबानी ने अवनी लेखरा, मोना अग्रवाल, प्रीति पाल और मनीष नरवाल को पेरिस पैरालिंपिक 2024 में उनकी ऐतिहासिक उपलब्धियों के लिए बधाई दी।
आपके स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक न केवल भारत के पैरालंपिक अभियान को गौरव के साथ शुरू करते हैं बल्कि हर भारतीय के दिल को अपार खुशी से भर देते हैं। आपकी ताकत, भावना और कौशल पूरे देश के लिए प्रेरणा है। हमारे सभी एथलीटों को और अधिक शक्ति तथा आगामी खेलों के लिए शुभकामनाएँ!
भारत के मनीष नरवाल ने पेरिस पैरालम्पिक में शुक्रवार को पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल (एसएच 1) स्पर्धा में रजत पदक जीता। बाईस वर्ष के नरवाल ने टोक्यो पैरालम्पिक में मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच 1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। वह कुछ समय तक आगे चल रहे थे लेकिन कुछ खराब शॉट के कारण वह दक्षिण कोरिया के जो जियोंगडू से पिछड़ गए।
भारत के निशानेबाज शिवा नरवाल के बड़े भाई मनीष ने 234 . 9 स्कोर किया जबकि जियोंगडू ने 237 . 4 स्कोर करके स्वर्ण पदक जीता। नरवाल क्वालीफिकेशन दौर में 565 स्कोर करके पांचवें स्थान पर रहे थे। फरीदाबाद के रहने वाले नरवाल ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में कई पदक जीते हैं।
भारत के रूद्रांक्ष खंडेलवाल फाइनल में जगह नहीं बना सके और 561 स्कोर करके नौवे स्थान पर रहे । एसएच 1 वर्ग में खिलाड़ी बिना किसी दिक्कत के पिस्टल उठा सकते हैं और व्हीलचेयर या चेयर पर से खड़े होकर या बैठकर निशाना लगाते हैं । ‘वंडर गर्ल’ अवनि लेखरा पैरालम्पिक खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई।
जिन्होंने टोक्यो के बाद पेरिस पैरालम्पिक में भी महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच 1) स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता जबकि भारत की ही मोना अग्रवाल को कांस्य पदक मिला । तीन साल पहले तोक्यो में स्वर्ण जीतने वाली 22 वर्ष की अवनि ने 249 . 7 का स्कोर करके अपना ही 249 . 6 का पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त किया ।
वहीं शॉटपुट, पावरलिफ्टिंग और व्हीलचेयर वॉलीबॉल के बाद दो साल पहले निशानेबाजी में पदार्पण करने वाली मोना ने 228 . 7 के स्कोर के साथ कांस्य पदक जीता । भारत के पैरालम्पिक इतिहास में पहली बार दो निशानेबाजों ने एक ही स्पर्धा में पदक जीते हैं । जयपुर की रहने वाली अवनि पैरालम्पिक से पहले स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं ।
उनकी पित्त की थैली की सर्जरी हुई जिसकी वजह से उन्हें डेढ महीने ब्रेक लेना पड़ा था । सर्जरी की वजह से उनका काफी वजन भी कम हुआ लेकिन तमाम कठिनाइयों का डटकर सामना करते हुए उन्होंने पेरिस में भारत का परचम लहराया । उन्होंने कहा ,‘‘ मैं देश के लिये पदक जीतकर खुश हूं । अपनी टीम, अपने कोचों और अपने परिवार को धन्यवाद देना चाहती हूं ।’’
ग्यारह वर्ष की उम्र में कार दुर्घटना में कमर के नीचे के हिस्से में लकवा मारने के कारण अवनि व्हीलचेयर पर निर्भर हैं । वह तोक्यो पैरालम्पिक 2021 में निशानेबाजी में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला निशानेबाज बनी थी । एसएच 1 वर्ग में वे खिलाड़ी होते हैं जिनकी बाजुओं, कमर के निचले हिस्से , पैरों में विकृति होती है या उनकी बाजू नहीं होती है ।