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पाकिस्तान ने LOC पर भेजे 20000 सैनिक, आतंकी संगठन अल बदर से बातचीत कर रहा है चीन

By निखिल वर्मा | Updated: July 1, 2020 12:14 IST

चीन की गतिविधियां पाक अधिकृत कश्मीर के स्कार्डू एयरबेस पर भी देखी गई है। कुछ दिन पहले चीनी वायुसेना का आईएल 78 टैंकर यहां उतरा है।

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ठळक मुद्देपाकिस्तान एलओसी पर अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती कर तनाव बढ़ाना चाहता है.पाक और चीन मिलकर जम्मू-कश्मीर में हिंसा भड़काना चाह रहे हैंखुफिया रिपोर्टों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठन अल बदर को फिर से सक्रिय करने की कोशिश हो रही है

लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच पाकिस्तान लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर सैनिकों की तैनाती कर रहा है। एलओसी के साथ लगने वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में पाक ने दो सैन्य डिविजन करीब 20 हजार सैनिक भेजे हैं। इकॉनामिक टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, चीनी अधिकारी जम्मू-कश्मीर में हिंसा भड़काने के लिए आतंकी संगठन अल बदर से बातचीत कर रहे हैं। पाकिस्तान और चीन मिलकर जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाना चाहते हैं।

अखबार में छपी खबर के अनुसार, इस बार पाकिस्तान ने जितने सैनिकों तैनात किया है वह बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान की गई तैनाती से बहुत ज्यादा है। पाकिस्तान के एयर डिफेंस रडार भी पूरे क्षेत्र पर 24 घंटे नजर बनाए हुए हैं। भारत को दो फ्रंट पर मोर्चा संभालने के अलावा जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से भी निपटना होगा।

अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि हाल में ही चीनी और पाक अधिकारियों के बीच कई दौर की बातचीत हुई है। इसके बाद उत्तरी लद्दाख से सटे गिलगित-बाल्टिस्तान में पाक ने 20 हजार सैनिकों की तैनाती की है। यह तैनाती उस समय हुई है जब पूर्वी लद्दाख में भारतीय-चीनी सैनिकों के बीच तनातनी चल रही है।  जम्मू-कश्मीर के विभाजन के बाद, गिलगित-बाल्टिस्तान केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा है, लेकिन पाकिस्तान के कब्जे में है। यह क्षेत्र कारगिल-द्रास से जुड़ा हुआ है जहां भारत ने 1999 में पाकिस्तानी घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए युद्ध लड़ा था।

वहीं खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, चीनी अधिकारियों ने अल बदर के कैडरों के साथ बैठक की, जो पाकिस्तान स्थित एक आतंकवादी समूह है। इसका कश्मीर में हिंसा भड़काने का इतिहास रहा है। ऐसी आशंका है कि चीन इस आतंकी संगठन को पुनर्जीवित करने के लिए समर्थन दे सकता है। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि पाकिस्तान और चीन एक-दूसरे को सहयोग कर रहे हैं।

पिछले साल जनवरी महीने में सुरक्षा बलों ने यारीपोरा (कुलगाम) मुठभेड़ में अल-बदर के चीफ कमांडर जीनत उल इस्लाम को मार गिराया था। आतंकी जीनत आईईडी बनाने में माहिर था और दर्जनों आतंकी वारदातों में वांछित भी था। इस महीने की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के डीजीप दिलबाग सिंह ने कहा था कि ऐसे संकेत हैं कि अल-बदर जो बहुत पहले ही समाप्त हो गया था, उसे फिर से संगठित किया जा रहा है।

टॅग्स :लद्दाखचीनपाकिस्तानजम्मू कश्मीरभारतीय सेनाएलओसी
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