नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में हाल ही में आतंकी हमलों में बढ़ोतरी के बीच एक शीर्ष सूत्र ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को फंडिंग के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा किया है, जिसमें सीमा पर पाकिस्तान द्वारा संचालित आतंकवादी शिविरों की सूची भी शामिल है। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में मंगलवार को भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में घायल हुए एक अधिकारी समेत चार सैन्यकर्मियों की मौत हो गई।
ताजा घटना कठुआ जिले के सुदूर माचेडी वन क्षेत्र में सेना के एक गश्ती दल पर आतंकवादी घात लगाकर किए गए हमले के एक सप्ताह बाद हुई है, जिसमें पांच सैनिकों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए।
आतंकवादी कैसे काम कर रहे हैं?
इंडिया टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान अपने प्रशिक्षित आतंकवादियों, पूर्व एसएसजी (विशेष सेवा समूह) के सदस्यों और भाड़े के सैनिकों को प्रत्येक समूह के लिए कम से कम 1 लाख रुपये के साथ भारत भेज रहा है। हताश पाकिस्तान इन आतंकियों को एम4 राइफल और चीनी कवच-भेदी गोलियों जैसे महंगे हथियारों से लैस कर रहा है।
घुसपैठ के दौरान उनकी मदद करने वाले गाइडों को भी 10,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक का भुगतान मिल रहा है। इसके अलावा, रिपोर्टों से पता चलता है कि आतंकवादी आईकॉम रेडियो सेट के माध्यम से सैमसंग फोन और वाई एसएमएस का उपयोग कर रहे हैं।
बाड़ों और सुरंगों की जांच की जा रही है
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान से जुड़े आतंकियों ने भारत में घुसपैठ के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा या अन्य रास्तों का फायदा उठाया है। बीएसएफ सभी बाड़ों और सुरंगों का निरीक्षण कर रही है। इसके अलावा यह देखा गया है कि भारत में घुसपैठ करने वाले आतंकवादी ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) को 5,000-6,000 रुपये भी प्रदान करते हैं जो उन्हें भोजन और अन्य आवश्यकताओं में सहायता करते हैं।
आतंकी कैंप फिर सक्रिय
इंडिया टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों के मुताबिक इन आतंकियों को पाकिस्तानी सेना की मदद से पाकिस्तान में ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही आतंकियों के परिवारों को आर्थिक मदद भी मिल रही है. ऐसे भी संकेत मिल रहे हैं कि पाकिस्तान ने अपने आतंकी शिविरों को फिर से सक्रिय कर दिया है. युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में नाकाम पाकिस्तान अब आतंकियों को पैसों का लालच दे रहा है।
आतंकी शिविर सक्रिय:
निकियाल
जंद्रुत
खुरेटा
कोटली
समानी
अब्दुल बिन मसूद
समन
कोटकोटेरा