देश में राम मंदिर बनाने को लेकर लंबे समय से मांग चली आ रही है और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मंदिर बनवाने की बात अक्सर कहती आई है। लेकिन, इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नये साल के अवसर पर मंगलवार (1 जनवरी) को साफ कर दिया है कि राम मंदिर का मुद्दा कानूनी प्रक्रिया के जरिए ही सुलझाया जा सकता है।
एक समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कर दिया है कि राम मंदिर के मुद्दे पर कानूनी प्रक्रिया के बाद ही अध्यादेश लाने को लेकर विचार किया जाएगा। साथ ही साथ उन्होंने कहा है कि राम मंदिर मुद्दे पर कानूनी प्रक्रिया बहुत धीमी चल रही है क्योंकि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस ने रुकावटें पैदा की हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि राम मंदिर कानून से ही बनेगा।
उन्होंने कहा कि हमने अपने बीजेपी के घोषणा पत्र में कहा है कि इस मुद्दे का हल संविधान के दायरे में किया जाएगा। बता दें, राम मंदिर बनाने को लेकर राष्ट्रीय स्वयं संघ (आरएसएस), विश्व हिन्दू परिषद और शिव सेना मांग करती आ रही हैं और पिछले एक साल से इस मुद्दे पर राजनीति गरमाई हुई है।
राम मंदिर मुद्दे को लेकर हिन्दू संगठनों का बीजेपी पर भारी दबाव बताया जा रहा है। साथ ही साथ पार्टी के कई नेता इस मुद्दे को लेकर बयान दे चुके हैं कि आयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कराया जाएगा। हालांकि पीएम मोदी ने साफ कर दिया है कि कानूनी प्रक्रिया के जरिए ही इस मुद्दे को हल किया जाएगा।