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प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने जारी की बाघों की संख्या, देखें आंकड़ों की पूरी लिस्ट

By आजाद खान | Updated: April 9, 2023 15:25 IST

प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा है कि "हम सभी एक बेहत महत्वपूर्ण पड़ाव के साक्षी बन रहे हैं, प्रोजेक्ट टाइगर को 50 वर्ष हो गए हैं। भारत ने न सिर्फ टाइगर को बचाया है बल्कि उसे फलने फूलने का एक बेहतरीन ईको सिस्टम दिया है।"

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ठळक मुद्देप्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे हो गए है। ऐसे में इस मौके पर पीएम मोदी ने बाघों की संख्या जारी की है।जारी की गई संख्या में बाघों की कुल गिनती तीन हजार के पार बताई गई है।

बेंगलुरु: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मैसुरु में बाघों की आबादी को लेकर नवीनतम आंकड़ा जारी किया है। उन्होंने बताया है कि 2022 में यह आंकड़े तीन हजार के पार है यानी बांघों की कुल संख्या 3167 थी। आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों से बाघों की संख्या में इजाफा देखा गया है और हर साल इनकी संख्या पहले से बढ़ती ही दिखाई दे रही है। 

आंकड़ों के अनुसार, देश में 2006 में बाघों की आबादी 1411, 2010 में 1706, 2014 में 2226, 2018 में 2967 और 2022 में 3167 थी। ऐसे में यह आंकड़े बताते है कि बाघों की संख्या में वृद्धि हो रही है। इस दौरान पीएम मोदी एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए है और ‘इंटरनेशन बिग कैट अलायंस’ की शुरुआत भी की है। 

पीएम मोदी ने की आईबीसीए की शुरुआत

‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के 50 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री ने ‘इंटरनेशन बिग कैट अलायंस’ (आईबीसीए) की शुरुआत भी की। आईबीसीए का उद्देश्य बाघ और शेर समेत दुनिया की ‘बिग कैट’ परिवार की सात प्रमुख प्रजातियों की रक्षा एवं संरक्षण करना है। मोदी ने ‘अमृत काल का टाइगर विजन’ नाम की एक पुस्तिका का विमोचन भी किया, जो अगले 25 वर्षों में देश में बाघों के संरक्षण के लिए दृष्टिकोण पेश करती है। 

1973 से बाघों को बचाने की हो रही है कोशिश

आपको बता दें साल 1973 से बाघों को बचाने की मुहिम चलाई जा रही है और इसका नतीजा यह निकला है कि बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है। ऐसे में जब इस प्रोजेक्ट को शुरु किया गया था तो इसे ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ का नाम दिया गया था। जब से इस प्रोजेक्ट को शुरु किया गया है तब से बाघों की संख्या बढ़ी है और आज पूरी दुनिया के 70 फीसदी बाघ भारत में पाए जाते है। 

ऐसे में आंकड़े बता रहे है कि हर साल इनकी आबादी छह फीसदी के दर से बढ़ रही है। जब ये प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी तो उस समय केवल नौ टाइगर रिजर्व को ही शामिल किया गया था लेकिन आज माहौल यह है कि 50 साल के बाद 53 टाइगर रिजर्व में इन बाघों को रखा जा रहा है। 

बाघों की संख्या की पूरी लिस्ट

1972 - 1,8271973 - 1,8271977 - 1,200-1,800 (अनुमानित)1982 - 1,200-1,800 (अनुमानित)1984 - 4,000-5,000 (अनुमानित)1989 - 4,000-5,000 (अनुमानित)1993 - 3,750-4,250 (अनुमानित)1997 - 3,500-4,000 (अनुमानित)2001 - 3,6422002 - 3,5082003 - 3,6422004 - 3,6422005 - 3,5082006 - 4,000 (अनुमानित)2007 - 1,411 (केवल कर्नाटक राज्य में)2008 - 1,4112010 - 1,7062014 - 2,2262018 - 2,9672022-  3167

(कृपया ध्यान दें कि वर्ष 2005 तक के आंकड़े अनुमानित हैं, जबकि 2006 के बाद के आंकड़े वास्तविक गणना पर आधारित हैं। इसके अतिरिक्त, 2007 के आंकड़े केवल कर्नाटक राज्य में बाघों की आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं, क्योंकि उस वर्ष राष्ट्रीय जनगणना नहीं की गई थी।)

भाषा  इनपुट के साथ  

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