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30 लाख लगाकर बेटे को बनाया पायलट, लोन लेकर दी 60 लाख की ऑडी, अब केस कर मां-बाप ने मांगा भारी मुआवजा, रखी ये शर्त

By आजाद खान | Updated: May 12, 2022 11:28 IST

बुजुर्ग दंपति के वकील अरविंद कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि उन्होंने इस तरीके का केस पहली बार देखा है जहां पिता ने बेटे पर ही केस कर दिया है कि उसे अपने खानदान के लिए वारिस चाहिए।

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ठळक मुद्देहरिद्वार में एक बुजुर्ग दंपति द्वारा अपने ही बेटे और बहू पर केस कर देने का मामला सामने आया है। बुजुर्ग का आरोप है कि बेटा उनके खानदान को संतान नहीं दे रहा है। इस मामले में कोर्ट ने बुजुर्ग की दंपति के प्रार्थना पत्र को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया गया है।

हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार में एक बुजुर्ग दंपति ने अपने बेटे और बहू को बच्चा जन्म नहीं के कारण उन पर केस कर दिया है। केस करने वाले बुजुर्ग दंपति का कहना है कि बेटा और बहू के कई साल पहले शादी करने के बावजूद भी वे खानदान को कोई वारिस नहीं दिए हैं। ऐसे में वे उनसे एक साल के अंदर एक संतान मांगते है वरना वे अभी तक जितने भी अपने बेटे के पालन पोषण और पढ़ाई पर पैसा खर्च किए है, वे वापस चाहते हैं। इस तरह का मामला देख खुद वकील भी दंग रह गए हैं। बुजुर्ग दंपति के वकील का कहना है कि वे आज से पहले इस तरीके का मामला कभी नहीं देखे हैं। उनके मुताबिक, कोर्ट में अकसर प्रॉपर्टी और जायदाद को लेकर केस आते ही रहते हैं, लेकिन यह मामला सबसे अलग है। 

क्या है पूरा मामला

दरअसल, बुजुर्ग संजीव रंजन प्रसाद पहले बीएचईएल में काम करते थे, अब वह रिटायर हो गए हैं। वह अपनी पत्नी साधना प्रसाद के साथ एक हाउसिंग सोसाइटी ग्रीन हरिद्वार में रह रहे हैं। संजीव का कहना है कि उन्होंने अपने सारे पैसे खर्च कर एकलौते बेटे को पढ़ाया और उसे पायलट बनाया है। उन्होंने बेटे को विदेश से पायलट की ट्रेनिंग भी दिलवाई जिसमें लाखो रुपए खर्च हुए हैं। इसके बाद 2016 में उसकी शादी उसकी शादी भी करवा दी है। बेटे अपने काम के चलते ट्रेवल करते रहता है और बहू नोएडा की एक कंपनी में काम करती है। बुजुर्ग संजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि करीब छह साल बीत गए है, लेकिन उसके बेटे और बहू को बच्चा नहीं हुआ है। ऐसा लगता है कि वे बच्चा नहीं चाहते है। 

17 मई को होगी कोर्ट की सुनवाई

इस पर बुजुर्ग का कहना है कि उन्हें अपने बेटे और बहू से एक साल के अंदर एक संतान चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं करते है तो उन्हें जुर्माने के तौर पर पांच करोड़ रुपए चाहिए। इसको लेकर बुजुर्ग दंपति ने केस भी किया है जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। उनका कहना है कि घर में कोई बच्चा नहीं होने के कारण बुढ़ापे को अकेले ही बिताना पड़ रहा है। ये बात उनकी ज्यादा खल रही है। बेटे और बहू के संतान नहीं होने के कारण उन्हें काफी मानसिक वेदना भी पहुंच रही है। इस मामले में सुनवाई 17 मई को होने वाली है। मामले में बोलते हुए बुजुर्ग दंपति के वकील अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि उनके वकालत में यह पहला केस है जहां बाप ही अपने बेटे पर संतान नहीं देने के लिए केस कर दिया है। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि कोर्ट बुजुर्ग को इंसाफ देगा।  

टॅग्स :Haridwarकोर्टकेस
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