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AIQ Reservation: नीट में OBC आरक्षण पर मद्रास हाईकोर्ट का फैसला, 27 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी, ईडब्ल्यूएस कोटा की अनुमति नहीं

By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 26, 2021 15:20 IST

AIQ Reservation: तमिलनाडु के लिए और आरक्षण के लिए दाखिल याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि स्नातक, परास्नातक और मेडिकल डिप्लोमा, दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए एआईक्यू सभी राज्यों में समान होना चाहिए।

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ठळक मुद्दे एक स्तर तक एक राज्य में और दूसरे स्तर पर दूसरे राज्य में आरक्षण नहीं होना चाहिए।फैसला मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति पीडी आदिकेसवालु की पीठ ने दिया। केंद्रीय अधिकारियों पर अवमानना की कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया था।

AIQ Reservation: मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र द्वारा हाल में जारी उस अधिसूचना को मंजूरी दे दी, जिसमें चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए अखिल भारतीय कोटे (एआईक्यू) के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग (अपिव) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया था।

मद्रास उच्च न्यायालय की पहली पीठ ने अखिल भारतीय कोटे (एआईक्यू) पर मेडिकल और डेंटल सीटों में प्रवेश के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को रद्द कर दिया। उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित 50 प्रतिशत की सीमा का उल्लंघन करता है।

तमिलनाडु के लिए और आरक्षण के लिए दाखिल याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि स्नातक, परास्नातक और मेडिकल डिप्लोमा, दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए एआईक्यू सभी राज्यों में समान होना चाहिए। तार्किक रूप से अगर उम्मीदवारों को पूरे देश में सीटें दी गई हैं तो एक स्तर तक एक राज्य में और दूसरे स्तर पर दूसरे राज्य में आरक्षण नहीं होना चाहिए।

यह फैसला मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति पीडी आदिकेसवालु की पीठ ने दिया। इसके साथ ही अदालत ने सत्तारूढ़ द्रमुक द्वारा दायर अवमानना याचिका को बंद कर दिया जिसमें जुलाई 2020 के अदालत के आदेश को नहीं लागू करने पर संबंधित केंद्रीय अधिकारियों पर अवमानना की कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया था।

पिछले साल तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एपी शाही नीत पीठ ने अपने आदेश में अन्य बातों के साथ याचिकाकर्ता द्वारा किए गए दावे के अनुरूप आरक्षण लागू करने के लिए समिति गठित करने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा था कि समिति आरक्षण का प्रतिशत तय कर सकती है।

अदालत से केंद्र को एआईक्यू सीटों पर ओबीसी के लिए 50% आरक्षण प्रदान करने का निर्देश देने की मांग कर रही थी। 50% आरक्षण द्रमुक की मांग के अनुसार राज्य की नीति के अनुसार होगा जबकि वर्तमान में केंद्र को 27% आरक्षण का पालन करना है।

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