लाइव न्यूज़ :

एक्सक्लूसिव: गृह मंत्री अमित शाह के दावे पर सवाल, एनपीआर में बायोमैट्रिक जरूरी, RGCCI की वेबसाइट पर छपा

By हरीश गुप्ता | Updated: December 26, 2019 08:29 IST

एनपीआर नोटिस के मुताबिक जनसांख्यिकी जानकारी के तहत, हर व्यक्ति की सामान्य निवासी के तौर पर जनसांख्यिकी विवरण की जरूरत होगी. 

Open in App
ठळक मुद्देइसमें कोई शक नहीं है कि एनपीआर इससे पहले यूपीए के राज में किया गया था, जब पी. चिदंबरम गृहमंत्री थे. भारत के हर सामान्य निवासी के लिए एनपीआर के तहत पंजीयन अनिवार्य है.

नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) में बायोमैट्रिक पहचान को लेकर अजीब विरोधाभास पैदा हो गया है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को ही एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा था कि एनपीआर के लिए किसी भी दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी और कोई बायोमैट्रिक डेटा (जरूरत पड़ी तो आधार नंबर के अलावा) एकत्रित नहीं किया जाएगा. इसके ठीक विपरीत रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर ऑफ इंडिया (आरजीसीसीआई) की वेबसाइट कुछ और ही कहती है. 

वेबसाइट पर 19 दिसंबर 2019 को अपडेट एनपीआर पेज की लिंक कहती है कि बायोमैट्रिक जानकारी की जरूरत होगी. संयोग की बात यह है कि आरजीसीसीआई सीधे गृह मंत्रालय के ही अधीन काम करता है. आरजीसीसीआई की वेबसाइट के अनुसार, ''एनपीआर का उद्देश्य देश के हर सामान्य निवासी का व्यापक पहचान डेटाबेस तैयार करना है. इस डेटाबेस में जनसांख्यिकी के साथ-साथ बायोमैट्रिक विवरण भी शामिल होगा."

वेबसाइट के एनपीआर वाले पेज में लिखा हुआ है, ''भारत के हर सामान्य निवासी के लिए एनपीआर के तहत पंजीयन अनिवार्य है. एनपीआर के तहत सामान्य निवासी की परिभाषा कुछ यूं है कि ऐसा व्यक्ति जो किसी स्थानीय इलाके में छह माह या ज्यादा वक्त से रह रहा हो, या फिर ऐसा व्यक्ति जो उस इलाके में छह माह या उससे ज्यादा वक्त रहना चाहता हो.'' 

आरजीसीसीआई की बेहद अस्पष्ट अधिसूचना के मुताबिक नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) दरअसल नागरिकता कानून 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीयन और राष्ट्रीय पहचान पत्र की पूर्ति) नियम 2003 के प्रावधानों के तहत तैयार सामान्य निवासियों की एक पंजी है. एनपीआर नोटिस के मुताबिक जनसांख्यिकी जानकारी के तहत, हर व्यक्ति की सामान्य निवासी के तौर पर जनसांख्यिकी विवरण की जरूरत होगी. 

यह इस प्रकार हैं-

1. नाम

2. घर के मुखिया से संबंध

3. पिता का नाम, मां का नाम, पत्नी का नाम (अगर शादीशुदा हो तो)

4. लिंग

5. जन्म तारीख

6. वैवाहिक स्थिति

7. जन्मस्थान 

8. राष्ट्रीयता (जैसी घोषित हो)

9. वर्तमान पता

10. स्थानीय पते पर रहने की अवधि

11. स्थायी निवास का पता

12. कामकाज/गतिविधि 

13. शैक्षणिक योग्यता 

इसमें कोई शक नहीं है कि एनपीआर इससे पहले यूपीए के राज में किया गया था, जब पी. चिदंबरम गृहमंत्री थे. लेकिन एनपीआर के यही आंकड़े 2015 में घर-घर जाकर किए गए सर्वे में अपडेट किए गए थे. आरजीसीसीआई का कहना है कि ताजातरीन जानकारी का डिजिटाइजेशन किया जा चुका है और 2020 की जनगणना और एनपीआर के लिए गजट अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है. इसीलिए यह बात चौंकाती है कि जनगणना और एनपीआर की कवायद की विभाग की वेबसाइट पर दी गई जानकारी गृहमंत्री के बयान से मेल खाती है. 

टॅग्स :नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर एनपीआरएनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजिका)नागरिकता संशोधन कानून
Open in App

संबंधित खबरें

भारत'चुनाव आयोग बिहार में गुप्त तरीके से एनआरसी लागू कर रहा है': राज्य में EC के द्वारा कराए जा रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष

भारतअसम में NRC के लिए आवेदन न करने वाले को नहीं मिलेगा आधार कार्ड, हिमंत सरकार का सख्त ऐलान

भारतहिमंत बिस्वा सरमा ने असम में आधार कार्ड बनवाने के लिए ‘NRC आवेदन’ को किया अनिवार्य

भारतHindu Refugee On Pakistan: 'पाकिस्तान में मुसलमान हिंदू लड़कियों को उठाते हैं और धर्म परिवर्तन कराते हैं', नागरिकता मिलने पर बोली हिंदू शरणार्थी भावना

भारत'खून बहाने को तैयार हूं, सीएए, एनआरसी और यूसीसी को लागू नहीं होने दूंगी': कोलकाता में ईद समारोह में बोलीं ममता

भारत अधिक खबरें

भारतIndigo Crisis: इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए 37 ट्रेनों में 116 कोच जोड़े गए

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक