नई दिल्ली: देश के वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चुनाव आयुक्त के रूप में अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे के बाद रविवार को भारत के चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाया।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार कपिल सिब्बल ने देश की शासन संरचना के मूलभूत सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए संवाददाताओं से कहा, "संविधान के अनुसार लोकतंत्र का मूल आधार कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका है। इसमें चुनाव आयोग की भूमिका यह है कि वो इस बात को सुनिश्चित करे कि देश में चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से आयोजित हो।"
अरुण गोयल के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कानूनी विशेषज्ञ कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग और मोदी सरकार की जमकर आलोचना की। सिब्बल ने कहा, "पिछले 10 वर्षों में ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग सरकार का एक हाथ बन गया है।"
कपिल सिब्बल ने सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर किये पोस्ट में लिखा, ''अब तो रास्ता साफ हो गया। आयोग को हां में हां मिलाने वालों से भर दो। यह उन सभी संस्थानों पर लागू होता है जो हमारे गणतंत्र की नींव हैं!”
मालूम हो कि अरुण गोयल का इस्तीफा ऐसे समय में आया है, जब देश में लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। चुनाव आयोग देशभर में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और आवाजाही पर गृह मंत्रालय और रेलवे के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर रहा है।
अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद भारत के चुनाव आयोग के पास अपने तीन शीर्ष अधिकारियों में से केवल एक मुख्य चुनाव आयुक्त ही रह गये हैं।