उत्तर प्रदेश में योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही के खिलाफ एक स्थानीय अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किए हैं। साथ ही संपत्ति भी कुर्क करने के आदेश दिए गए हैं। यह आदेश कुशीनगर की अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की मंगलवार (16 जनवरी) को जारी किए।
मंत्री के खिलाफ 1994 में कसया थाने में संग्रह अमीन चंद्रिका सिंह की ओर से मामला दर्ज करवाया गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने सरकारी कामकाज में बाधा उत्पन्न की। इस मामले में पुलिस ने साल 2004 में आरोप पत्र दायर किया और मुकदमे की कार्यवाही शुरू हुई।
इसके बाद मंत्री शाही कोर्ट में हाजिर हुए और जमानत हासिल कर ली, लेकिन 14 मई 2007 के बाद से वह सुनवाई के दौरान कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। इसके बाद मंगलवार को सुनवाई के दौरान एसीजेएम चंद्रमोहन चतुर्वेदी ने मंत्री के 11 सालों तक गैरहाजिर रहने चलते गैर जमानती वारंट जारी कर दिया और कसया एओ को उनकी संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए। साथ ही उनको 19 फरवरी, 2018 को न्यायालय के समक्ष हाजिर करने का आदेश दिया।
सूर्य प्रताप शाही फिलहाल योगी सरकार में कृषि मंत्री हैं और उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के माध्यम से राजनीति में दस्तक दी और भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा। इसके अलावा वे राम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय रहे हैं और 1985 में पहली बार विधायक बने और दो साल बाद यूपी सरकार में मंत्री भी बने। शाही उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे हैं।