तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प पर एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सख्त लहजे में वकीलों को नसीहत देते हुए कहा कि इस घटना के लिए वकील और पुलिस दोनों जिम्मेदार हैं।
शनिवार (2 नवंबर) को तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और दिल्ली पुलिसकर्मियों के बीच हुई हिंसक झड़प में कम से कम 30 लोग घायल हो गए थे और इस घटना के विरोध में हजारों दिल्ली पुलिसकर्मियों ने अपने ही मुख्यालय के सामने अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन किया था। इस घटना के विरोध में वकीलों ने सोमवार से ही हड़ताल कर दी थी और तब से दिल्ली की सभी छह जिला अदालतों में कामकाज ठप है।
सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों से कहा, 'ताली एक हाथ से नहीं बजती'
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी ओडिशा में वकीलों की हड़ताल के मामले की सुनवाई के दौरान की। कोर्ट ने कहा, 'ताली एक हाथ से नहीं बजती है। समस्या दोनों तरफ से है। हम और कुछ नहीं कहना चाहते हैं।'
सर्वोच्च अदालत ने कहा, 'हम किसी कारण से चुप हैं। कोई भी ये नहीं कह सकता कि मैंने एक निश्चित तरीके से काम किया क्योंकि उन्होंने ऐसा किया था।'
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों की पुलिस के अत्याचारों की शिकायत से भी असहमति जताई।
कोर्ट को बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयमैन मनन मिश्रा द्वारा कोर्ट को बताया गया कि दो दिन के अंदर मामले का समाधान कर लिया जाएगा।
शनिवार को इस झड़प की शुरुआत दोपहर करीब 1.20 मिनट पर एक पुलिसवाले द्वारा कथित तौर पर गलत ढंग से पार्क की गई गाड़ी को हटाने लेकर तीन वकीलों से हुई कहासुनी के बात हुई थी। इस घटना में करीब 20 पुलिसवाले और 8 वकील घायल हुए थे। साथ ही करीब 20 मोटरसाइकिलों और नौ पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ करने के साथ ही उन्हें आग के हवाले कर दिया गया था।