लाइव न्यूज़ :

...जब अर्थशास्त्र का नोबेल पाने वाले अभिजीत बनर्जी को काटनी पड़ गई थी तिहाड़ जेल

By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: October 15, 2019 10:52 IST

अभिजीत के बारे में कहा जाता है कि विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान वह किसी छात्र संगठन के सदस्य नहीं बने लेकिन अपनी बात रखने से कभी पीछे नहीं हटते थे।

Open in App
ठळक मुद्देलोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने जिस NYAY योजना की घोषणा की थी, उसे तैयार करने में अभिजीत बनर्जी की खास भूमिका थी।अभिजीत के बारे में कहा जाता है कि विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान वह किसी छात्र संगठन के सदस्य नहीं बने लेकिन अपनी बात रखने से कभी पीछे नहीं हटते थे। 

अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार पाने वाले भारतीय-अमेरिकी अभिजीत बनर्जी मीडिया में ताजा सनसनी है। उनके जीवन के वो पहलू अब सामने आ रहे हैं, जिनसे जनता अनजान है। जेएनयू छात्र से लेकर नोबेल पुरस्कार बिजेता बनने तक अभिजीत बनर्जी का सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। 

एनबीटी की खबर के मुताबिक, अभिजीत बनर्जी को एक बार जेल भी जाना पड़ गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, 1983 में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने छात्रों के दाखिले के लिए प्रवेश नीति में सुधार किया था। काफी छात्रों ने विश्वविद्यालय के इस फैसले का विरोध किया था। विरोध प्रदर्शन में अभिजीत भी शामिल थे। तब करीब 300 छात्रों को 10 दिन के लिए दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल की हवा खानी पड़ी थी। अभिजीत भी जेल जाने वाले छात्रों में शामिल थे। 

बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने जिस NYAY योजना की घोषणा की थी, उसे तैयार करने में अभिजीत बनर्जी की खास भूमिका थी। कांग्रेस ने वादा किया था कि सत्ता में आने पर सबसे गरीब लोगों को आय के तौर पर 72 हजार रुपये सालाना दिए जाएंगे। 

अभिजीत के बारे में कहा जाता है कि विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान वह किसी छात्र संगठन के सदस्य नहीं बने लेकिन अपनी बात रखने से कभी पीछे नहीं हटते थे। 

अभिजीत बनर्जी नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों से कभी सहमत नहीं रहे। मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले का उन्होंने विरोध किया था। 

नोबेल पुरस्कार के लिए नाम के एलान के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था के सवाल पर अभिजीत ने कहा था, “मेरे विचार से अर्थव्यवस्था बहुत खराब कर रही है। यह बयान भविष्य में क्या होगा, उस बारे में नहीं है, बल्कि जो हो रहा है उसके बारे में है। मैं इसके बारे में एक राय रखने का हकदार हूं।”

टॅग्स :अभिजीत बनर्जीजवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू)मोदी सरकारइकॉनोमी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारतसंचार साथी ऐप में क्या है खासियत, जिसे हर फोन में डाउनलोड कराना चाहती है सरकार? जानें

कारोबारचुनौतियों के बावजूद उम्मीद से अधिक है देश की विकास दर

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारत"संचार साथी ऐप अनिवार्य नहीं, डिलीट कर सकते हैं लोग", विवाद के बीच बोले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया

भारत अधिक खबरें

भारतIndigo Crisis: इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए 37 ट्रेनों में 116 कोच जोड़े गए

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक