बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 10 मई को सुबह सात बजे से शुरू हो जाएगी जो शाम के छह बजे तक चलेगी। ऐसे में इसके लिए चुनाव आयोग द्वारा जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई है। ऐसे में चुनाव के नियमों के अनुसार, सभी पात्र मतदाताओं से बिना चूके मतदान करने चाहिए।
लेकिन नियम यह भी कहता है कि कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार निर्वाचन क्षेत्र के बाहर या उसके भीतर से किसी भी मतदाता को नहीं ला सकता है। यह एक कानून जुर्म है और इसके लिए सजा भी है। ऐसे में नियम यह कहता है कि किसी भी मतदाता को बस या अन्य वाहन में लाना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत दंडनीय अपराध है।
ऐसे में मतदाताओं को यह चेतावनी दी गई है कि इसका उल्लंघन करने पर संबंधित लोगों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में चुनाव आयोग ने राज्य के सभी पात्र मतदाताओं से किसी इच्छा, लालच, प्रभाव या धमकी के आगे झुके बिना स्वेच्छा से मतदान करने की बात कही है।
आज शाम छह बजे समाप्त हो जाएगा चुनाव प्रचार
बता दें कि इस बार के विधानसभा चुनाव में राज्य में 2,66,82,156 पुरुष, 2,63,98,483 महिला और 4,927 अन्य मतदाताओं सहित 5,30,85,566 मतदाता मतदान करने के पात्र हैं। ऐसे में सभी पात्र मतदाता आने वाले 10 मई को अपना वोट डाल सकेंगे। चुनाव के नियमों के अनुसार, आज शाम छह बजे से खुले तौर पर चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी जाएगी।
इस रोक के तहत कोई भी राजनीतिक दल और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार अपने चुनाव एजेंटों और समर्थकों से खुले तौर संवाद नहीं कर सकते है यानी वे खुले तौर पर आज शाम छह बजे के बाद चुनाव प्रचार नहीं कर सकते है।
चुनाव के मद्देनजर उठाए गए है ये जरूरी कदम
राज्य में चुनाव को देखते हुए अधिकारियों ने वेलफेयर हॉल, कम्युनिटी हॉल/होटल और गेस्ट हाउस में ठहरने वालों की सूची जांच कर गैर-मतदाताओं को निर्वाचन क्षेत्र से बाहर भेजने की कार्रवाई की है। ऐसे में नियमों का उल्लंघन भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत सजा होगी। इस आदेश का अनुपालन करने के लिए पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस अधीक्षकों को भी निर्देश दिया गया है।
यही नहीं मतदान में सुविधा और राज्य में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कर्नाटक पंचायत राज अधिनियम -1993 के नियम 36 के तहत मतदान के दिन मेलों, पशु मेलों, त्योहारों और उर्स पर प्रतिबंध लगा दी गई है।