लाइव न्यूज़ :

मोदी सरकार ने संसद में कहा, "5 अगस्त 2019 को धारा 370 हटने के बाद से किसी भी कश्मीरी पंडित ने घाटी से पलायन नहीं किया है"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: July 20, 2022 19:38 IST

लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि 5 अगस्त 2019 से 9 जुलाई 2022 के बीच में एक भी कश्मीरी पंडित ने पलायन नहीं किया है।

Open in App
ठळक मुद्देकश्मीर में धारा 370 हटने के बाद आतंकियों ने 21 गैर मुस्लिम कश्मीरियों की हत्याएं कीलेकिन इस दौरान कोई भी कश्मीरी पंडित घाटी छोड़कर नहीं गया हैधारा 370 हटने के बाद आतंकी हमले में 128 सुरक्षा बलों की मौत हुई, वहीं 118 नागरिक भी मारे गये

दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को संसद में जानकारी दी कि 5 अगस्त 2019 से अब तक आतंकियों ने कुल 21 गैर मुस्लिम कश्मीरियों और प्रदेश से बाहर के लोगों की हत्याएं की लेकिन इस दौरान कोई भी कश्मीरी पंडित घाटी छोड़कर नहीं गया है।

लोकसभा में इस बाबत जानकारी देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि  “5 अगस्त 2019 से 9 जुलाई 2022 तक कश्मीर में हुए आतंकी वारदात में कुल 128 सुरक्षा बल के जवान के साथ-साथ 118 आम नागरिकों की हत्या हुई है। मारे गए कुल 118 नागरिकों में से 5 कश्मीरी पंडित थे, जबकि 16 अन्य हिंदू या सिख समुदायों से संबंधित थे। लेकिन इन हिंसक घटनाओं में किसी तीर्थयात्री की हत्या नहीं हुई है।

समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में सदन को यह जानकारी एक प्रश्न के लिखित उत्तर के तौर पर दी। प्रश्न में यह पूछे जाने पर कि हाल में हुई हत्याओं के कारण कितने कश्मीरी पंडितों ने घाटी से पलायन किया।

इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री राय ने कहा, “5 अगस्त 2019 के बाद से किसी भी कश्मीरी पंडित ने घाटी से पलायन नहीं किया है और प्रधानमंत्री विकास पैकेज (पीएमडीपी) के तहत कुल 5,502 कश्मीरी पंडितों को सरकार के विभिन्न विभागों में नौकरी प्रदान की गई है।"

केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को समाप्त करने की घोषणा की थी और इसके तहत धारा 370 को हटाते हुए जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था ताकि उससे घाटी में फैले आतंकवाद को रोकने में मदद मिले और सूबे की तरक्की को और बल मिले।

लेकिन केंद्र के उस फैसले के बाद भी घाटी में आतंकी हमले रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। अभी पिछले महीने ही कुलगाम में आतंकियों ने रजनी बाला नाम की एक शिक्षिका की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के संगठन ने केंद्र और राज्य सरकार को धमकी दी कि अगर सरकार ने उन्हें 24 घंटे के भीतर आवश्यक सुरक्षा नहीं उपलब्ध कराती है तो वो अपनी जान बचाने के लिए कश्मीर घाटी को छोड़ देंगे।

रजनी बाला की हत्या से पहले आतंकियों ने 12 मई को बडगाम जिले में तहसील कार्यालय में क्लर्क के पद पर कार्यरत राहुल भट की गोली मारकर हत्या कर दी थी। ये दोनों हत्याओं से पहले पिछले साल अक्टूबर में आतंकियों ने कश्मीरी फार्मेसी के मालिक माखन की हत्या कर दी थी। उसको अलावा आतंकियों ने बिहार के कुछ अप्रवासी मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरआतंकवादीमोदी सरकार
Open in App

संबंधित खबरें

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारतसंचार साथी ऐप में क्या है खासियत, जिसे हर फोन में डाउनलोड कराना चाहती है सरकार? जानें

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

भारत अधिक खबरें

भारतIndiGo Crisis: लगातार फ्लाइट्स कैंसिल कर रहा इंडिगो, फिर कैसे बुक हो रहे टिकट, जानें

भारतIndigo Crisis: इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए 37 ट्रेनों में 116 कोच जोड़े गए

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए