पटना:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तेवर मोदी सरकार के लिए दिनों-दिन तल्ख होते जा रहे हैं। वो लगातार केंद्र सरकार को निशाना बना रहे हैं और प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लगातार हमला कर रहे हैं। भाजपा के साथ बिहार में सत्ता की साझेदारी खत्म करने के बाद नीतीश कुमार केंद्र की सबसे मुखर विरोधी के तौर पर उभरे हैं। यही कारण है कि वो कभी केंद्र के नीतियों के तो कभी उनकी कार्यशैली के आलोचना करने और उन्हें आरोपों के कटघरे में खड़ा करने से नहीं चूक रहे हैं।
नीतीश कुमार ने पटना में केंद्र पर ताजा तंज करते हुए परोक्ष रूप से कहा, "हम बहुत काम करते हैं लेकिन हम उसका उतना प्रचार नहीं करते हैं। हमारे पास बेकार के कामों के लिए पैसा नहीं है। पता नहीं कुछ लोगों के पार इतने प्रचार के लिए पैसा कहां से मिल जाता है और वो खबरों को नियंत्रित कर लेते हैं कि दूसरों से जुड़ी खबरें कभी प्रकाशित ही नहीं होती हैं।"
बीते कुछ समय से केंद्र की सत्ता के खिलाफ विपक्ष की धुरी बनने का प्रयास कर रहे हैं नीतीश कुमार इस समय मोदी सरकार के प्रबल विरोधियों में प्रमुख चेहरे बने हुए हैं। बिहार में राजद के साथ मिलकर महागठबंधन की अगुवाई कर रहे नीतीश कुमार का आरोप है कि भाजपा देश को तबाह करने की कोशिश कर रही है।
बिहार में भाजपा के साथ कन्नी काटने के बाद दिल्ली में विपक्षी दलों को गलबंद करने वाले नीतीश कुमार का कहना है कि वो 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी नेताओं को एकजुट करने का काम कर रहे हैं और इसके लिए वो लगातार कोशिशें करते रहेंगे।
उनका कहना है कि केंद्र की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ विपक्षी नेता जल्द ही एकजुट होंगे और सभी मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ाई में अपना योगदान देंगे। इसके साथ ही नीतीश कुमार अटल-आडवाणी युग को भी याद करते हैं और कहते हैं कि अटल जी के समय में एनडीएन के घटक दलों को विभिन्न मुद्दों पर विरोध करने और अपनी बात रखने का जो अधिकार मिलता था वो नरेंद्र मोदी और अमित शाह की भाजपा की खत्म हो गया है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) के साथ मिलकर विपक्ष की ओर से 'भाजपा मुक्त भारत' का नारा दे रहे हैं और 2024 के आम चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए सियासी पेशबंदी कर रहे हैं।