लाइव न्यूज़ :

निर्भया कांडः दोषी ने कहा-लोग प्रदूषित पानी और हवा से मर रहे हैं, फांसी की क्या जरूरत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 10, 2019 18:22 IST

उच्चतम न्यायालय ने नौ जुलाई, 2018 को इस सनसनीखेज अपराध में संलिप्त चार में से तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिकायें खारिज कर दी थीं। अभी तक पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करने वाले दोषी 31 वर्षीय अक्षय के वकील ए पी सिंह ने बताया कि उसने मंगलवार को इस संबंध में याचिका दायर की है।

Open in App
ठळक मुद्देनिर्भया कांड के चौथे दोषी ने मौत की सजा के फैसले पर पुनर्विचार के लिये याचिका दायर की।2012 की रात में 23 वर्षीय निर्भया से छह व्यक्तियों ने बर्बरता पूर्वक सामूहिक बलात्कार किया था।

राजधानी में दिसंबर, 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा पाने वाले चार दोषियों में से अंतिम दोषी ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की।

उच्चतम न्यायालय ने नौ जुलाई, 2018 को इस सनसनीखेज अपराध में संलिप्त चार में से तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिकायें खारिज कर दी थीं। अभी तक पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करने वाले दोषी 31 वर्षीय अक्षय के वकील ए पी सिंह ने बताया कि उसने मंगलवार को इस संबंध में याचिका दायर की है।

दक्षिण दिल्ली में चलती बस में 16-17 दिसंबर, 2012 की रात में 23 वर्षीय निर्भया से छह व्यक्तियों ने बर्बरता पूर्वक सामूहिक बलात्कार किया था और उसे बुरी तरह जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था। निर्भया की 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर में माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी।

शीर्ष अदालत ने इससे पहले मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की पुनर्विचार याचिका यह कहते हुये खारिज कर दी थी कि फैसले पर विचार करने का कोई आधार नहीं है। न्यायालय ने 2017 में निर्भया कांड के दोषियों को मौत की सजा देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा था।

उच्च न्यायालय ने इन मुजरिमों को मौत की सजा सुनाने के निचली अदालत के फैसले की पुष्टि की थी। इस वारदात में शामिल छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि एक अन्य आरोपी नाबालिग था और उसे तीन साल की सजा पूरी करने के बाद सुधार गृह से रिहा कर दिया गया था। 

16 दिसंबर 2012 को दिल्ली की सड़कों पर दरिंदगी के दोषी अक्षय ने फांसी की सज़ा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर कर यह अजीब दलील दी है। इसके लिए उसने बकायदा वेद, पुराण, उपनिषद जैसे ग्रंथों का हवाला भी दिया है। उसकी विचित्र दलीलें यहीं खत्म नहीं हुईं। उसने दिल्ली के प्रदूषण को भी अपने ऊपर रहम का आधार बताया है। याचिका में लिखा गया है, "दिल्ली में बहुत ज़्यादा वायु प्रदूषण है. शहर गैस चैंबर बना हुआ है. पानी की क्वालिटी भी बहुत ख़राब है। इससे लोग वैसे ही मर रहे हैं। मुझे फांसी की सजा देने की क्या ज़रूरत है?

इनपुट भाषा 

टॅग्स :निर्भया गैंगरेपदिल्लीसुप्रीम कोर्टमोदी सरकार
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

क्राइम अलर्टDelhi: जाफराबाद में सड़क पर झड़प, गोलीबारी के बाद 3 गिरफ्तार

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारतIndiGo Flights Cancelled: इंडिगो ने दिल्ली से सभी फ्लाइट्स आज रात तक की बंद, यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत