भारतीय सेना में शामिल होंगी अगली पीढ़ी की उन्नत तोपें, निविदा जारी, पहले बैच में 400 तोपों की खरीद होगी

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: August 21, 2024 17:21 IST2024-08-21T17:19:55+5:302024-08-21T17:21:22+5:30

सेना वर्तमान में अपनी तोपखाने की मारक क्षमता को उन्नत करने पर काम कर रही है। इसमें 155 मिमी/52 कैलिबर एटीएजीएस के लिए अनुबंध की प्रक्रिया भी शामिल है।

Next generation advanced artillery guns will be included in the Indian Army tender issued 400 guns will be purchased | भारतीय सेना में शामिल होंगी अगली पीढ़ी की उन्नत तोपें, निविदा जारी, पहले बैच में 400 तोपों की खरीद होगी

भारतीय सेना ने अगली पीढ़ी की तोपों के अधिग्रहण के लिए निविदा जारी की है

Highlightsभारतीय सेना अपनी ताकत में जबरदस्त इजाफा करने की योजना बना रही हैभारतीय सेना ने अगली पीढ़ी की तोपों के अधिग्रहण के लिए निविदा जारी की हैप्रारंभिक चरण में सेना को इनमें से 400 तोप प्रणालियों की आवश्यकता है

नई दिल्ली: भारतीय सेना अपनी ताकत में जबरदस्त इजाफा करने की योजना बना रही है। भारतीय सेना ने अगली पीढ़ी की तोपों के अधिग्रहण के लिए निविदा जारी की है। इन तोपों को घरेलू स्तर पर डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। प्रारंभिक चरण में सेना को इनमें से 400 तोप प्रणालियों की आवश्यकता है। लेकिन आने वाले वर्षों में मांग में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। भविष्य में पुरानी तोपों को बदलने की भी योजना है।

हाल के वर्षों में तोप  बनाने के वाली कई भारतीय कंपनियां सामने आई हैं। तोपखाना प्रणालियों के विकास में पर्याप्त निवेश करने वाली निजी रक्षा विनिर्माण कंपनियाँ नई टोड गन प्रणालियों के अनुमानित 7,000 करोड़ रुपये के अधिग्रहण में गहरी दिलचस्पी दिखा रही हैं। इन तोपों की खरीद के लिए यह अनिवार्य है कि प्रणाली भारत में ही डिजाइन की गई हो तथा अनुबंध मूल्य के आधार पर इसमें 50% से अधिक स्वदेशी सामग्री हो।

इकॉनमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार अनुबंध के शीर्ष दावेदारों में लार्सन एंड टुब्रो भी शामिल है जो पहले ही सेना को K9 वज्र सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी गन की आपूर्ति कर चुकी है। साथ ही भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड भी रेस में आगे हैं। दोनों कंपनियों ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के सहयोग से एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) विकसित किया है। 

नई उन्नत 155 मिमी/52 कैलिबर की तोपें मौजूदा आर्टिलरी गन की तुलना में हल्की और अधिक मारक क्षमता वाली होंगी। ना वर्तमान में सेवा में मौजूद प्रणालियों की तुलना में अधिक स्वचालन और सटीकता की मांग कर रही है। साथ ही भविष्य को ध्यान में रखते हुए विशेष गोला-बारूद की एक विस्तृत श्रृंखला को फायर करने की क्षमता भी चाहती है।

वर्तमान में भारत के अधिकांश तोपखाने में 130 मिमी फील्ड गन हैं। इन्हें सारंग परियोजना के तहत धीरे-धीरे 155 मिमी तक अपग्रेड किया जा रहा है। हालाँकि सेना के टेंडर में 400 तोपों की आवश्यकता बताई गई है लेकिन उसे उसी प्रकार की 1,200 से अधिक तोपों की कुल आवश्यकता है। सैन्य सूत्रों के अनुसार बजटीय कारणों से अधिग्रहण को कई टुकड़ों में पूरा किया जा रहा है। 

सेना वर्तमान में पाइपलाइन में कई अधिग्रहणों के साथ अपनी तोपखाने की मारक क्षमता को उन्नत करने पर काम कर रही है। इसमें 155 मिमी/52 कैलिबर एटीएजीएस के लिए अनुबंध की प्रक्रिया भी शामिल है।

Web Title: Next generation advanced artillery guns will be included in the Indian Army tender issued 400 guns will be purchased

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे