नयी दिल्ली, 24 दिसंबर भारत ने बृहस्पतिवार को नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के संसद को अचानक भंग करने और नए सिरे से चुनाव कराने के फैसले को पड़ोसी देश का ‘आंतरिक मामला’ करार देते हुए कहा कि यह नेपाल को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत तय करना है।
नेपाल में जारी राजनीतिक घटनाक्रम पर सतर्क प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा कि वह पड़ोसी देश और वहां के लोगों का शांति, समृद्धि और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ने में समर्थन करना जारी रखेगा।
मीडिया को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ हमने नेपाल की नवीनतम राजनीतिक घटनाओं पर गौर किया है। यह नेपाल का आंतरिक मामला है और उसे अपनी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत फैसला लेना है।’’
उन्होंने यह टिप्पणी नेपाल में तेजी से बदल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर की।
श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘एक पड़ोसी और शुभचिंतक होने के नाते भारत, नेपाल और वहां के लोगों का शांति, समृद्धि और विकास के रास्ते पर बढ़ने का समर्थन करना जारी रखेगा।’’
गौरतलब है कि रविवार को राष्ट्रपति विद्या भंडारी ने प्रधानमंत्री ओली की अनुशंसा पर प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया था और मध्यावधि चुनावों की घोषणा कर दी थी।
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