सिरसा (हरियाणा), 30 अक्टूबर हरियाणा के ऐलनाबाद विधानसभा सीट के लिए शनिवार को हुए उपचुनाव में करीब 80 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसके साथ ही 19 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। अधिकारियों ने बताया कि मतदान प्रतिशत में बदलाव हो सकता है क्योंकि आंकड़ों को अब भी मिलान किया जा रहा है।
वर्ष- 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान ऐलनाबाद सीट पर 83.6 प्रतिशत मतदान हुआ था।
अधिकारियों ने बताया कि मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और शाम छह बजे तक चला।मतों की गिनती दो नवंबर को होगी।
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के विधायक अभय सिंह चौटाला ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ इस साल जनवरी में विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, इसके बाद यह उपचुनाव कराया जा रहा है।
इस उपचुनाव में चौटाला के अलावा कांग्रेस प्रत्याशी पवन बेनीवाल और भाजपा-जजपा प्रत्याशी गोबिंद कांडा समेत 19 उम्मीदवारों मैदान में हैं और 1.86 लाख से अधिक मतदाता पंजीकृत हैं।
अधिकारियों ने बताया कि विधानसभा उपचुनाव के लिये कुल 211 मतदान केंद्र बनाए गए हैं और इनमें से 121 को ‘संवेदनशील’ और ‘अति संवेदनशील’ के रूप में चिन्हित किया गया था।
उपचुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की 34 कंपनियां और विभिन्न जिलों के पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था।
चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे गोविंद कांडा, हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रमुख और विधायक गोपाल कांडा के भाई हैं, जो हाल में भाजपा में शामिल हुए।
चौटाला के खिलाफ विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले बेनीवाल ने हाल ही में भाजपा छोड़ कर कांग्रेस का हाथ थामा था । इस सीट पर चौटाला, बेनीवाल और गोविंद कांडा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।
बेनीवाल ने सुबह दरबा कलां गांव में मतदान किया। वहीं, पत्रकारों से बातचीत करते हुए चौटाला ने भारी अंतर से जीत दर्ज करने की उम्मीद जताई।
अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करते हुये मतदान कराया जा रहा है।
चार बार के विधायक चौटाला की नजर जीत की हैट्रिक पर है क्योंकि वह अपना तीसरा उपचुनाव लड़ रहे हैं।
इससे पहले, उन्होंने वर्ष 2000 में सिरसा जिले में रोरी विधानसभा उपचुनाव और 2010 में ऐलनाबाद से उपचुनाव जीता था, जब इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला ने वर्ष 2009 के चुनाव में जींद जिले की उचाना सीट को अपने पास रखा था और यह सीट खाली कर दी थी।
अभय चौटाला ने 2014 में भी इस सीट पर जीत बरकरार रखी और वह 2019 के चुनाव में भी ऐलनाबाद से विधायक बने।
अभय चौटाला के लिए यह उपचुनाव जीतना महत्वपूर्ण है क्योंकि हार इनेलो के लिए एक बड़ा झटका होगा, जो हाल के वर्षों में चुनावी असफलताओं से जूझ रहा है।
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