पटना: बिहार से राज्यसभा उपचुनाव के लिए एनडीए के दोनों उम्मीदवारों ने बुधवार को अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया। इसमें रालोमो(राष्ट्रीय लोक मोर्चा) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और भाजपा की ओर से मनन मिश्रा ने पर्चा भरा। दोनों ने आयोग के निर्वाची अधिकारी व विधानसभा की प्रभारी सचिव ख्याति सिंह को अपना-अपना नामांकन पत्र सौंपा। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा सहित कई अन्य नेता मौजूद थे।
दरअसल, लोकसभा चुनाव में भाजपा की ओर से विवेक ठाकुर और राजद की मीसा भारती ने जीत हासिल की थी। दोनों पहले राज्यसभा के सदस्य थे। दोनों की जीत के बाद ये दो सीटें खाली हुई हैं जिस पर उपचुनाव कराया जा रहा है। एनडीए के लिए एक सीट पर उपेंद्र कुशवाहा के नाम की घोषणा पहले ही हो चुकी थी। जबकि मनन मिश्रा के नाम की घोषणा भाजपा आलाकमान ने मंगलवार को की थी। बुधवार को नामांकन दाखिल करने के बाद एनडीए के दोनों उम्मीदवार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों उपमुख्यमंत्री व बिहार सरकार के कई मंत्रियों व दिग्गज नेताओं के साथ विधानसभा से बाहर आए। मुख्यमंत्री समेत तमाम नेता विक्ट्री का संकेत देते दिखे।
दोनों प्रत्याशियों ने हाथ जोड़कर अभिवादन किया। रालोमो प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को मीसा भारती के जगह पर उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्रा को विवेक ठाकुर की खाली सीट पर उम्मीदवार बनाया गया है। मनन मिश्रा का कार्यकाल वर्ष 2026 तक रहेगा। उपेन्द्र कुशवाहा और मनन मिश्रा का निर्विरोध जीतना तय है। दरअसल, दोनों सीटों के उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग की ओर से दो अलग अलग नोटिफिकेशन जारी किए गए हैं। ऐसे में मतदान की स्थिति में बिहार विधानसभा के सदस्यों द्वारा दो अलग अलग मतपत्र पर दो बार वोटिंग करने का अवसर रहेगा। चुकी बिहार में एनडीए को पूर्ण बहुमत है, इसलिए विधायकों की अधिकतम संख्या के आधार पर एनडीए के दोनों उम्मीदवारों को ज्यादा वोट मिलेगा। इसी कारण विपक्ष की ओर से किसको उम्मीदवार नहीं बनाया गया है।
एनडीए के दोनों प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन तय है। उल्लेखनीय है कि राजद को इस चुनाव में एक सीट का नुकसान होगा। अब तक राजद की मीसा भारती राज्यसभा सांसद थी। अब उनके लोकसभा के लिए निर्वाचित होने से उपचुनाव में राजद को यह सीट नहीं मिलेगी। उपचुनाव में सत्ताधारी एनडीए के विधायकों की ज्यादा संख्या होने के कारण उनके प्रत्याशियों की जीत तय है। इससे जहां भाजपा को एक सीट का फायदा होगा वहीं राजद को नुकसान होगा।
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा केंद्र की मोदी-1 सरकार में मंत्री थे। वहीं बिहार की सियासत में कद्दावर नेता माने जाते हैं। नीतीश कुमार के साथ सियासी पारी शुरू करने के बाद जदयू से अलग हुए और उन्होंने अलग अलग राजनीतिक दलों का गठन किया। हालांकि उनकी सियासी यात्रा में कई उतार चढ़ाव हुए। इस बीच, लोकसभा चुनाव में काराकाट संसदीय क्षेत्र में उपेन्द्र कुशवाहा की इस बार करारी हार हुई। अब भाजपा के सहयोग से वे राज्यसभा जा रहे हैं। वहीं मनन कुमार मिश्रा मूल रूप से गोपालगंज जिले के रहने वाले हैं। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के वो अध्यक्ष हैं। पीयू से उन्होंने एलएलबी की है। 1982 से पटना हाईकोर्ट में अधिवक्ता की प्रैक्टिस उन्होंने शुरू की। 2007 में वरीय अधिवक्ता बने और 2009 में सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने वकालत शुरू की। 2010 से मनन मिश्रा बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं।