पुणेः महाराष्ट्र के पुणे में आज इतिहास रचा गया। 17 महिला कैडेटों का पहला बैच आज राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) से स्नातक हुआ। कैडेटों में से एक इशिता सांगवान ने कहा कि पूर्व एनडीए होना अद्भुत लगता है। मुझे एनडीए के बारे में कोई जानकारी नहीं थी क्योंकि मेरे परिवार में रक्षा पृष्ठभूमि से कोई नहीं था। जब मैं शामिल हुई, तो सब कुछ नया था। ऐसा लगा जैसे हर दिन आश्चर्यों का एक नया पिटारा था, हर दिन कुछ नया था। हरसिमरन कौर ने कहा कि मैं वास्तव में JEE मेन्स की तैयारी कर रही थी और फिर NDA मेरे लिए वरदान बनकर आया। मुझे मेरी एक सहेली ने बताया कि NDA महिलाओं के लिए भी खुला है। फिर मैंने इसे आजमाने के बारे में सोचा। मैं बस इतना कहना चाहती हूँ कि किसी भी चीज़ से डरो मत। तुम जो चाहो कर सकती हो, बस खुद पर विश्वास रखो और आगे बढ़ो।
एनडीए से स्नातक 17 महिला कैडेट के पहले बैच ने ‘पासिंग आउट परेड’ में हिस्सा लेकर रचा इतिहास
पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) से स्नातक 17 महिला कैडेट के पहले बैच ने शुक्रवार को 300 से अधिक पुरुष कैडेट के साथ ‘पासिंग आउट परेड’ में हिस्सा लेकर इतिहास रच दिया। एनडीए में पुरुष और महिला कैडेट का यह पहला सह-शिक्षा बैच है। कैडेट खड़कवासला में त्रि-सेवा प्रशिक्षण अकादमी के खेत्रपाल परेड ग्राउंड में ‘अंतिम पग’ से गुजरे, जिसे व्यापक रूप से ‘‘नेतृत्व का उद्गम स्थल’’ के रूप में जाना जाता है। पूर्व सेना प्रमुख और मिजोरम के राज्यपाल जनरल वी. के. सिंह ‘पासिंग आउट परेड’ के निरीक्षण अधिकारी थे।
यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) द्वारा 2021 में उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद महिलाओं को रक्षा अकादमी में आवेदन करने की अनुमति दिए जाने के बाद महिला कैडेट का पहला बैच 2022 में एनडीए के 148वें पाठ्यक्रम में शामिल हुआ। अकादमी के कैडेट कैप्टन उदयवीर नेगी ने 148वें पाठ्यक्रम की परेड की कमान संभाली।
जनरल सिंह ने इस अवसर पर कहा, ‘‘आज अकादमी के इतिहास में एक विशेष रूप से महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि एनडीए से महिला कैडेट का पहला बैच ‘पासिंग आउट परेड’ में शामिल हुआ है। यह अधिक समावेशिता और सशक्तीकरण की दिशा में हमारी सामूहिक यात्रा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।’’
उन्होंने कहा कि ये युवतियां ‘‘नारी शक्ति’’ का अपरिहार्य प्रतीक हैं, जो न केवल महिलाओं के विकास बल्कि महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक ऐसे भविष्य की कल्पना करता हूं जो अब से बहुत दूर नहीं है, जब इनमें से कोई एक महिला अपनी सेवा के क्षेत्र में सर्वोच्च भूमिका निभा सकती है।’’